Spread the love

नहीं रहे क्षेत्र के चर्चित 68 वर्षीय सुकरा अमंग…

मात्र एक अगरबत्ती और ₹11 के सहयोग पर हड्डियों की मोच और टूटी हड्डियों को जोड़ने का करते थे शर्तिया इलाज…

सरायकेला (संजय मिश्रा) । कभी-कभी कई घटनाएं और कई चीजे ऐसी भी हो जाती है जो तर्क और वैज्ञानिक सोच से परे होती है। कुछ ऐसा ही आध्यात्म और पूजा पाठ के बल पर तथा मालिश एवं जड़ी बूटियां की मदद से लोगों के हड्डियों की मोच और टूटी हड्डियों को जोड़ने का शर्तियां इलाज करने वाले क्षेत्र के चर्चित 68 वर्षीय बड़ा काकड़ा गांव निवासी सुकरा अमंग का निधन हो गया। जिसकी खबर फैलते ही स्थानीय लोगों में शोक की लहर दौड़ पड़ी। तकरीबन 30 वर्षों से अधिक समय से लोगों को इस प्रकार से इलाज के लिए नि:शुल्क सेवा देते रहे सुकरा अमंग के निधन के संबंध में बताया गया कि दो दिन पूर्व अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी। जिसके बाद उनका निधन हो गया। बताया गया कि उनके निधन के बाद उनके दो सहयोगी जरूरतमंदों के लिए यह सेवा जारी रखेंगे।

एक अगरबत्ती और मात्र ₹11 के सहयोग पर स्वर्गीय सुकरा किया करते थे इलाज:-

इसे अंधविश्वास कहें या अटूट विश्वास परंतु सच्चाई है कि क्षेत्र सहित समीप के अन्य राज्यों से भी लोग कठिन से कठिन हड्डियों की मोच और टूटी हड्डी को जोड़ने का इलाज कराने स्वर्गीय सुकरा के पास पहुंचा करते थे। और स्वर्गीय सुकरा मात्र एक अगरबत्ती एवं ₹11 के सहयोग राशि से लोगों का इलाज किया करते थे। जिसमें परंपरागत पूजा आराधना के साथ विशेष तेल से मालिश कर और जड़ी बूटियां की मदद से हड्डियों की मोच और टूटी हड्डियों को जोड़ने का काम करते थे। उनके निधन पर क्षेत्र के अशोक लेयांगी और सोनू कुमार ने गहरा दुख प्रकट करते हुए उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है।

Advertisements

You missed