शिकारीपाड़ा झामुमो का गढ रहा,सात बार झामुमो ने रखा अपने कब्जे में, इस बार फुल ने किया दावा, भाजपा के बीच कांटे की टक्कर, देखना है कि फूल खिलेगा या तीर चलेगा….
दुमका : मौसम गुप्ता की विशेष रिपोर्ट
संथाल परगना की हांट सीट में शुमार शिकारीपाड़ा विधानसभा सीट पर तकरीबन हर बार झारखंड मुक्ति मोर्चा व भारतीय जनता पार्टी के बीच सीधा मुकाबला होता आया है| इस सीट को झामुमो का गढ़ भी कहा जाता है जिसे भेदना काफी मुश्किल माना जाता है, लेकिन इस सीट पर लगातार भाजपा दमखम के साथ लड़ती रही है| बताते चलें कि इस बार इस सीट से झामुमो के आलोक सोरेन व भाजपा के परितोष सोरेन के बीच सीधा मुकाबला होने की संभावना है| शिकारीपाड़ा विस सीट पर लगातार सात बार से आलोक सोरेन के पिता व झामुमो के कद्दावर नेता नलिन सोरेन का कब्जा है, हालांकि वर्तमान में नलिन सोरेन दुमका लोकसभा से सांसद हैं|
वहीं परितोष सोरेन भी लगातार इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं और उनका मुकाबला झामुमो से ही होता आया है| परितोष सोरेन भारतीय जनता पार्टी के दुमका जिलाध्यक्ष रह चुके हैं| उनकी पहचान भी क्षेत्र में मिलनसार नेता की रही है| सूत्रों की मानें तो इस बार भी इस सीट पर झामुमो व भाजपा की सीधी लड़ाई होने की संभावना है|
आलोक सोरेन ने शिकारीपाड़ा से नामांकन दाखिल कर दिया है वहीं परितोष सोरेन सोमवार को नामांकन दाखिल करेंगे| प्राप्त जानकारी के अनुसार परितोष के नामांकन में असम के मुख्यमंत्री हिमंता विस्वा सरमा मौजूद रहेंगे| नामांकन दाखिल करने के बाद आलोक ने इस सीट पर दो सौ प्रतिशत जीत का दावा करते हुए कहा था कि उनकी प्राथमिकता अपने पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए क्षेत्र का चहुंमुखी विकास करना है|
अवसर पर सांसद नलिन सोरेन ने भी अपने पुत्र की जीत का दावा करते हुए कहा था कि आलोक भी उनकी तरह लगातार जीत हासिल करेंगे| क्षेत्र की जनता उनके पुत्र को भी उनकी तरह ही आशीर्वाद देगी| बताते चलें कि शिकारीपाड़ा पत्थर एवं कोयला के लिए विख्यात है| यहां पत्थर की दर्जनों खदानें व सैकड़ों क्रेशर है जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलता है| हलांकि पिछले कुछ महिनों से यहां की पत्थर खदाने बंद पड़ी थी जिससे लोगों को रोजगार के अभाव में पलायन करना पड़ रहा था| आजादी के सात दशक से अधिक बीतने के बावजूद आज भी यहां के ग्रामीण पेयजल व सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है| रोजगार व शिक्षा के क्षेत्र में भी क्षेत्र पिछड़ा हुआ है|
मामले में सांसद नलिन सोरेन ने कहा कि वे वैध खदानों को जल्द से जल्द शुरू कराने का प्रयास कर रहे हैं जिससे लोगों को रोजगार मिल सके| उन्होंने कहा कि शिक्षा एवं स्वास्थ्य भी उनकी प्राथमिकता है| वहीं भाजपा के परितोष सोरेन भी इस बार जीत का दावा कर रहे हैं| उनका कहना है कि क्षेत्र का विकास व रोजगार उपलब्ध कराना उनकी प्राथमिकता रहेगी|
बहरहाल अब 23 नवम्बर को ही पता चलेगा कि जनता किस पर विश्वास कर रही है, जनता किसको जीत का ताज पहनाएगी यह तो 23 नवम्बर को ही सामने आएगा|