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सरायकेला। शिक्षा विभाग द्वारा विद्यालयों के संचालन समय में अव्यवहारिक रूप से किए गए समय परिवर्तन के विरोध में झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ आगामी 17 दिसंबर को रांची स्थित राजभवन के समक्ष धरना देगी। संघ के प्रदेश कमिटी द्वारा लिए गए निर्णय के संबंध में जानकारी देते हुए जिला संघ के प्रधान महासचिव अमित कुमार ने बताया कि झारखंड सरकार द्वारा जारी नई अधिसूचना 2144 दिनांक 2 नवंबर 2021 के तहत विद्यालयों का संचालन समय पूर्वाहन 8:50 बजे से अपराहन 4:00 बजे तक किया गया है।

जिसे वापस लेने के लिए राज्य स्तरीय आंदोलन करने का निर्णय लिया गया है। कहा गया कि उक्त अधिसूचना शिक्षा के साथ-साथ शिक्षकों के लिए भी काला कानून साबित होगा। इससे प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था चौपट हो जाएगी। और बच्चे विद्यालय से दूर भागने लगेंगे। झारखंड में शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत शिक्षण दिवस और शिक्षण घंटे पूर्व से ही इससे अधिक समय के लिए जारी है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत प्राथमिक विद्यालय में 200 शिक्षण दिवस और उच्च प्राथमिक विद्यालय में 220 शिक्षण दिवस की तुलना में झारखंड में प्रत्येक वर्ष 250 शिक्षण दिवस विद्यालय संचालित हो रहे हैं। राज्य स्तरीय बैठक में निर्णय लिया गया कि संघ का एक प्रदेश स्तरीय प्रतिनिधिमंडल झारखंड के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री से मिलकर इस अधिसूचना को रद्द करने और अन्य शिक्षक समस्याओं के समाधान के लिए ज्ञापन सौंपा गया। तत्पश्चात आगामी 17 दिसंबर को राज्यपाल के राजभवन के समक्ष राज्य भर के प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक एक दिवसीय धरना देंगे।

इसके बाद भी यदि राज्य सरकार नहीं मानती है तो जिलों में भी चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा। जिसकी रूपरेखा आगे तय की जाएगी। इसे लेकर प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र शुक्ला की अध्यक्षता में हुई संघ की राज्य स्तरीय बैठक में मुख्य रूप से माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव गंगा प्रसाद यादव उपस्थित रहे। इसके अलावा झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश महासचिव निखिल मंडल, वरीय उपाध्यक्ष रणविजय तिवारी, उपाध्यक्ष मैनेजर प्रसाद सिंह, जितेंद्र दुबे, अमित महतो, हरिद्वार महतो, वशिष्ठ नारायण दुबे, अजीत गोराई, समीर पांडे, निरंजन शर्मा, अवध बिहारी मिश्रा, केके वर्मा, कमलेश्वर पांडे, जवाहर लाल महतो, आनंद माझी, गुरु प्रसाद महतो एवं सभी जिला के शिक्षक प्रतिनिधि बैठक में शामिल रहे।
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