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स्वर्णरेखा और खरखई  नदी से करोड़ों रूपये की राजस्व की लुट में  खादीपोश- खाकी शामिल, डिस्ट्रिक्ट माइनिंग टास्क फोर्स महेज खानापूर्ति….

गौरी, शहरबेड़ा व साॅपड़ा नदी के तटों को नोच खाने को तैयार हैं जिलेभर में बालू माफिया, कहते है विधायक,स्थानीय थाना , जिला के कर्मचारी को सप्ताहिक माह शुल्क भेजी जाती है……

आदित्यपुर  ( सुदेश कुमार ) एक ओर डिस्ट्रिक्ट माइनिंग टास्क फोर्स की मासिक बैठक में उपायुक्त के लगातार निर्देश और दूसरी ओर जिलेभर में सक्रिय बेखौफ बालू माफिया। इन सब के बीच जिले में बालू का अवैध उठाव और डंपिंग धड़ल्ले से जारी है। इसका अंदाजा सामान्य तौर पर लगाया जा सकता है कि जिले में बड़े पैमाने पर जारी निजी और सरकारी निर्माण कार्य और वैध खनन के माध्यम से उठाया जा रहा बालू के आंकड़े के मिलान में जमीन आसमान का अंतर दिखता है।

 

ऐसे में अवैध बालू का उत्खनन जिले में एक बड़ा व्यापार के रूप में स्थापित हो चुका है। जिसका नजारा खुलेआम आदित्यपुर क्षेत्र के सपड़ा घाट और गौरी घाट शाहेरबेडा पर देखा जा सकता है।

जहां बालू के अवैध कारोबारियों ने नदी तट के बालू को किस कदर से अपनी जागीर बना रखी है। जिससे राजस्व की हानि झेल रही सरकार भी मौन साधे हुए हैं। अमूमन यही नजारा सरायकेला क्षेत्र के विभिन्न नदी घाटों सहित चांडिल क्षेत्र के नदी घाटों में भी रोजाना का बना हुआ है। इसके साथ ही बालू की अवैध डंपिंग का कार्य भी किया जा रहा है। वहीं जानकार बताते हैं कि बालू का इस अवैध खेल में माफिया और कारोबारी लाल हो रहे हैं। जबकि खुली आंखों के साथ चल रहे इस बालू के अवैध उठाव और डंपिंग को सजगता के साथ अभियान चलाकर नियंत्रित किया जा सकता है।

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