16 करोड़ की लागत से खरसावां शहीद स्थल को बनाया जाएगा विश्वस्तरीय
पर्यटक स्थल, सीएम ने की घोषणा……
सरायकेला। 1 जनवरी 1948 में घटित खरसावां गोलीकांड में हुए शहीद लोगों की याद में आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में शनिवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पहुंचकर शहीदों को दुल सुनुम अर्पित करते हुए पारंपरिक तरीके से श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके साथ मंत्री चंपाई सोरेन, मंत्री बन्ना गुप्ता, मंत्री जोबा मांझी समेत कोल्हान के सभी झामुमो विधायक शामिल हुए। साथ ही सिंहभूम सांसद गीता कोड़ा तथा उनके पति पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा भी शामिल हुए। पारंपरिक तरीके से श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद सीएम हेमंत सोरेन ने मीडिया को संबोधित करते हुए खरसावां शहीद स्थल को विश्वस्तरीय पर्यटक स्थल बनाने हेतु करीब 16 करोड़ की योजना की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में खरसावां शहीद स्थल को विश्व स्तरीय पर्यटक स्थल बनाने की पहल होगी। जिसके तहत कई आधारभूत संरचना और सुविधाओं का इजाफा होगा। 16 करोड़ की योजना में यहां आने वाले लोगों की जानकारी हेतु खरसावां शहीद स्थल के इतिहास को प्रदर्शित करने के लिए हाईटेक डिस्प्ले सिस्टम लगाया जाएगा। जैसा कि जालियांवाला बाग तथा अन्य शहीद स्थलो पर किया गया है। साथ ही कई विकास के कार्य होंगे।
जनता के लिए खुलेगा शहीद पार्क, लगेंगे चार्ज
जिला प्रशासन द्वारा सीएसआर फंड से खरसावां शहीद पार्क के अंदर सौंदर्यीकरण व सुविधा हेतु कई कार्य किए गए हैं। लेकिन यह शहीद पार्क 1 जनवरी के कार्यक्रम के बाद अक्सर बंद ही रहता है। रखरखाव हेतु कमेटी नहीं रहने तथा केयर टेक करने हेतु आवंटन के अभाव में ऐसा होता है। लेकिन अब इस शहीद पार्क के प्रबंधन हेतु एक कमेटी का गठन किया गया है। जिसमें सांसद, विधायक के अलावा विभिन्न राजनीतिक दलों के लोग, शहीद परिवार के लोग तथा यहां पूजा करने वाले पुजारी यानी पाहन को कमेटी में रखा गया है। इस प्रबंधन कमेटी के जरिए अब शहीद पार्क का रखरखाव होगा। और सबसे बड़ी बात यह है कि 1 जनवरी 2022 के कार्यक्रम के बाद यह जनता के लिए खोल दिया जाएगा। यानी अब आम लोग सालों भर इस पार्क में अंदर प्रवेश कर घूम सकेंगे। और शहीद के इतिहास के बारे में जान सकेंगे। इसको लेकर जनता से प्रवेश शुल्क के रूप में कुछ रकम भी ली जाएगी। हालांकि कितनी रकम ली जाएगी यह अभी तय नहीं हुआ है।
शहीदों को चिन्हित करने तथा सम्मान देने हेतु चिन्हितीकरण आयोग को बनाया गया है और बेहतर, शहीद परिवारों
को नौकरी में 5% का क्षैतिज आरक्षण….. सीएम हेमंत सोरेन
एक जनवरी 1948 में घटित खरसावां गोलीकांड के करीब 73 वर्ष के बीच शहीद पार्क का सौंदर्यीकरण व सुविधा बहाल करने का तो काम हुआ मगर अब तक केवल दो ही शहीदों को सम्मान मिला है। अधिकतर शहीदों को चिन्हित करने का काम अब तक सरकार नहीं कर पाई है। शहीद स्वर्गीय डोले सोय के आश्रित बिट्टूराम सोय तथा शहीद स्वर्गीय सिंगराय बोदरा के आश्रित नंदू बोदरा को एक एक लाख रुपया सम्मान के तौर पर दिया गया है। इस प्रयास के पहले और बाद में अब तक कोई वैसा कारगर प्रयास नहीं हुआ। इस बारे में पूछे जाने पर सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड बनने के 20 सालों तक शहीदों को चिन्हित करने के नाम पर धोखा ही दिया गया। लेकिन अब उनकी सरकार शहीदों व आंदोलनकारियों को चिन्हित करने के लिए चिन्हितीकरण आयोग को और बेहतर बनाई है। जिसके तहत शहीदों व आंदोलनकारियों की पहचान कर सम्मान देने का काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार द्वारा शहीद परिवारों को रोजगार में 5% क्षैतिज आरक्षण देने का काम शुरू किया गया है।