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सरायकेला-खरसावां (संजय मिश्रा) डॉ. चंदन कुमार ने कहा कि सावधानी से ही डायरिया का बचाव संभव है। उन्होंने कहा कि बरसात के साथ ही डायरिया का प्रकोप बढ़ता है।

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अगर किसी व्यक्ति को पतला दस्त के साथ उल्टी होती है तो वह डायरिया का लक्षण है। अगर ऐसे लक्षण दिखते हैं तो तुरंत ओआरएस का घोल पीएं। अगर उससे भी कंट्रोल नहीं होता है तो चिकित्सीय सलाह लें। उन्होंने बताया कि इसके बचाव के लिए गर्म पानी पीएं और बासी खाना से परहेज करें। इसके अलावे खाना खाने के पहले हाथ साबुन से धोएं और शौच के बाद हाथ को साबुन से घोएं तभी बरसाती बिमारी से बचाव हो सकता है। बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा लेना शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है। साथ ही मौनसून में होने वाला बुखार भ्रम भी पैदा करता है। बुखार कई प्रकार के होते हैं। इसमें मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, पीलिया और टायफायड शामिल हैं। इन सभी के लक्षण मिलते-जुलते हैं। मौनसून के बुखार में एस्प्रिन लेना नुकसानदायक हो सकता है, क्योंकि कई किस्म के बुखार में प्लेटलेट्स की संख्या घटने लगती है।

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