पारा शिक्षकों के लिए ऐतिहासिक रहा बुधवार का दिन
: सोनू सरदार…..
सरायकेला: राज्य सरकार द्वारा पारा शिक्षकों की बहुप्रतीक्षित सेवा शर्त नियमावली कैबिनेट से पारित किए जाने पर जिले के पारा शिक्षकों ने सरकार का आभार व्यक्त किया है. बुधवार की शाम नियमावली पर कैबिनेट की मुहर लगने के बाद एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा सरायकेला-खरसावां के जिलाध्यक्ष श्री सोनू सरदार ने एक प्रेसवार्ता के माध्यम से कहा कि पारा शिक्षकों के बीस वर्षों का संघर्ष आज अंजाम तक पहुंचा है. इस लिहाज़ से आज का दिन राज्य के तमाम 65 हजार पारा शिक्षकों के लिए ऐतिहासिक दिन है.
तमाम पारा शिक्षक हेमंत सरकार के इस अभूतपूर्व और सराहनीय फैसले का तहे दिल से इस्तक़बाल करते हैं. साथ ही सरकार का आभार भी व्यक्त करते हैं. विशेष कर शिक्षा मंत्री जिन्होंने पदभार ग्रहण करने के साथ ही शुरू से ही पारा हित के लिए संजीदगी से कार्य किया. वे सूबे के पहले ऐसे शिक्षा मंत्री सिद्ध हुए जिन्होंने सदैव खुले तौर पर पारा कल्याण की चिंता करते हुए हमें लाभान्वित करने का काम किया.
उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि पारित हुई नियमावली में पारा शिक्षकों के लिए अनुकम्पा, सालाना इन्क्रीमेंट, चिकित्सा अवकाश, तत्काल मानदेय बढ़ोत्तरी सहित 60 साल तक स्थायी सेवा की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा अब पारा शिक्षकों को सहायक अध्यापक के नाम से जाना जाएगा. यह सब कुछ ऐसे महत्वपूर्ण बिंदु हैं जो पारा शिक्षकों के भविष्य की सुरक्षा के लिहाज़ से संभावनाओं को मजबूती प्रदान करते हैं. पारा शिक्षकों की चट्टानी एकता और अनवरत संघर्ष का प्रतिफल यह नियमावली है. हालांकि अभी भी वेतनमान न मिल पाने की कसक बाकी है किंतु हेमंत सरकार से हमें पूरी उम्मीद है कि अतिशीघ्र यह सरकार वेतनमान के वायदे को भी पूर्ण अवश्य करेगी.