खरसावां की देसी हल्दी अवार्ड फॉर इनोवेटिव प्रोडक्ट आइडियाज से हुई सम्मानित. ..
सरायकेला-खरसावां (संजय मिश्रा) जिले के आदिवासी बहुल खरसावां प्रखण्ड क्षेत्र के रायजमा गांव में किसानों द्वारा उपजाये जा रहे देसी हल्दी को राष्ट्रीय स्तर पर ‘अवार्ड फॉर इनोवेटिव प्रोडक्ट आइडियाज’ सम्मान से सम्मानित किया गया।
भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय की अनुषंगी इकाई ट्राइफेड के 34वां स्थापना दिवस पर नयी दिल्ली में केंद्रीय जनजाति मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने ऑनलाइन आयोजित कार्यक्रम में खरसावां हल्दी के लिये ट्राइफेड के झारखंड कार्यालय को ‘अवार्ड फॉर इनोवेटिव प्रोडक्ट आइडियाज’ से सम्मानित किया। ट्राइफेड ने रायजमा के ग्रामीणों के इस उत्पाद को देश भर में ट्राइफेड के आउटलेट पर उपलब्ध कराया है।
ट्राईफेड द्वारा रायजमा के किसानों को एकजुट कर उत्पाद की प्रोसेसिंग कराई जा रही है। और ग्रामीणों को पैकेजिंग मैटेरीयल दिया जा रहा है। साथ ही पैकिंग के लिए मशीन दी गई है। इसके लिए महिला स्वयं सहायता समूह की मदद ली जा रही है । बताते चलें कि रायजमा और आस पास के गांवों में बड़े पैमाने पर हल्दी की खेती होती है। यहां के किसान आज भी पोईला (एक प्रकार का हल्दी मापन का स्थानीय पैमाना पात्र) से हल्दी बेचते थे। ट्राइफेड के वहां पहुंचने से ग्रामीणों को हल्दी की अच्छी कीमत अभी मिलने लगी है। बताया जाता है कि किसान बिना किसी रासायनिक खाद के 60 से 65 सालों से हल्दी की विशुद्ध देसी खेती करते आ रहे है। रायजेमा गांव करीब सभी घर के लोग हल्दी लगाते है। इनको पहले बाजार नहीं मिला पाया था। केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने ट्राइफेड को वहां जाकर हल्दी देखने एवं सहयोग करने का निर्देश दिया । इसके बाद ट्राइफेड की टीम वहाँ जाकर हल्दी का अवलोकन किया तो पाया की हल्दी अच्छी है। इसके बाद ट्राइफेड की ओर से एक महिला स्वयं सहायता समूह को हल्दी पैकेजिंग का समान आदि दिया गया ।।
वहां पहले से ही एक कुटाई मशीन थी। उसी कुटाई मशीन से पाउडर बनाने का आग्रह किया गया । इसकी रांची के सरकारी फूड लैब मे जांच कराई गई । उत्पाद की गुणवत्ता सामान्य हल्दी से काफी अच्छी थी। आम तौर पर हल्दी मे दो फीसदी के आस पास करक्यूमिन होता है। पर इस हल्दी मे सात फीसदी से भी अधिक करक्यूमिन पाया गया। गांव के लोगों को ट्राइफेड शुरुआती सहयोग कर आत्मनिर्भर बनाने की तैयारी कर रही है। ट्राइफेड बाजार उपलब्ध करने की भी व्यवस्था की है। रायजमा गांव द्वारा उत्पादित यह हल्दी देश के सेंटरों मे बेचे जाएंगे। बताया जाता है कि पहले ग्रामीण 80 रुपया पोईला के हिसाब से हल्दी बेचते थे । प्रोसेस करने के बाद 100 से लेकर 700 ग्राम तक का पैक तैयार कराया गया है। 100 ग्राम की कीमत ₹35, 250 ग्राम की कीमत ₹80, 500 ग्राम की कीमत ₹145 एवं 700 ग्राम की कीमत ₹190 रखी गई है।
करक्यूमिन है एक अच्छा एंटीऑक्सीडेंट :- हल्दी में सक्रिय तत्व करक्यूमिन पाया जाता है। यह दर्द से आराम दिलाता है और दिल की बीमारियों से सुरक्षा रखता है। यह तत्व इंसुलिन लेवल को बनाए रखता और डायबिटीज की दवाओं के असर को बढ़ाने का भी काम करता है। हल्दी में एक अच्छा एंटीऑक्सिडेंट है. इसमें पाये जाने वाले फ्री रैडिकल्स डैमेज से भी बचाता है।
प्योर देसी हल्दी के उत्पादन से अब सरायकेला खरसावां जिले के खरसावां प्रखंड के नक्सल रायजमा तथा आसपास के गांव के किसानों की हालत बदल रही है।