Spread the love

सरायकेला-खरसावां(संजय मिश्रा)  झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा उड़िया भाषा को मान्यता नहीं दिए जाने से नाराज सरायकेला खरसावां जिले के उड़िया भाषा-भाषी मायूस हैं। उड़िया भाषा को राज्य स्तर पर मान्यता देने की मांग करते हुए जिले के उड़िया समाज द्वारा मुहिम चलाया जाएगा । उत्कलमणि आदर्श पाठागार में राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अशोक सारंगी के नेतृत्व में उड़िया समाज कोल्हान (सरायकेला- खरसावां ) की बैठक हुई। उड़िया भाषा को दूसरा स्थान मिलने के बाद भी ना भाषा की पढ़ाई हो रही है और ना ही उड़िया स्कूल का निर्माण हो रहा है। ना ही झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा इस उड़िया भाषा को महत्व दिया जा रहा है। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जिले के उड़िया स्कूल बंद हो चुके हैं। छात्रों को किताब नहीं मिल रही है। ऐसे में उड़िया भाषा का संरक्षण करना चुनौती भरा कार्य है। इसके लिए सभी उड़िया समाज के संगठनों को एक साथ एक मंच पर आना होगा। उन्होंने कहा कि इन बिंदुओं को लेकर उड़िया समाज द्वारा 27 सितंबर को जिला समाहरणालय में धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया है। इस अवसर पर बैठक में सुशील सारंगी, आलोक दास,रामनाथ आचार्य,चंद्रशेखर कर,चिरंजीवी महापात्र, परशुराम कवि, काशीनाथ कर,सुदीप पटनायक,बद्री दरोगा, राजा ज्योतिषी, रवि सतपति, दीपक कर, सानू सड़ंगी,तुषार कांत दुबे,मंटू कवि, पवन कवि,देवराज सारंगी,और भी बहुत सारे गणमान्य उपस्थित थे।

Advertisements

You missed