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सरायकेला-खरसावां(संजय मिश्रा)  बीते 12 सितंबर को राज्य सरकार के वरिष्ठ मंत्री रामेश्वर उरांव द्वारा सरकारी शिक्षा व्यवस्था पर किए गए अपमानजनक टिप्पणी को लेकर अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ द्वारा मंगलवार को राज्यव्यापी विरोध दर्ज कराते हुए काला बिल्ला लगाकर काम किया गया।

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संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष दीपक दत्ता ने इस संबंध में बताया कि संघ ने इस मामले को अत्यंत गंभीरता से लिया है। संगठन के प्रदेश इकाई के आह्वान पर हिंदी दिवस के ऐतिहासिक अवसर पर जिले के कोने-कोने से हजारों शिक्षक शिक्षिकाओं ने काला पट्टी बांधकर मंत्री रामेश्वर उरांव द्वारा दिए गए अपमानजनक टिप्पणी का विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि आज की इस लोकतांत्रिक विरोध के माध्यम से संगठन प्रदेश के मुख्यमंत्री से स्पष्टीकरण चाहती है कि मंत्री रामेश्वर उरांव के इस दुर्भाग्य जनक टिप्पणी पर सरकार के साथ-साथ शिक्षा मंत्रालय का क्या मंतव्य है।

प्रदेशभर के आक्रोशित शिक्षक शिक्षिकाओं ने वित्त मंत्री से इस्तीफे की मांग करते हुए सार्वजनिक रूप से अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगने की सलाह दी गई है। मौके पर उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का संपूर्ण उत्तरदायित्व राज्य सरकार का है। राज्य सरकार का कमोबेश सभी विभाग शिक्षकों को अपने-अपने कार्यों के मकड़जाल में फंसा कर रखे हुए हैं। सार्वजनिक मंचों से शिक्षक एवं शिक्षा विभाग की सुरक्षा एवं संरक्षण का संवैधानिक दायित्व से मुकर कर वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने बचकानी हरकत का परिचय दिया है। उनके इस तरह के दुर्भाग्यपूर्ण बयान शिक्षा का निजीकरण का संकेत भी दिखने लगा है। इस तरह के बयान के लिए श्री उरांव के साथ-साथ संपूर्ण राज्य सरकार को ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी आक्रोश का सामना करना पड़ सकता है। मंगलवार को हुए विरोध कार्यक्रम में संगठन के जिला अध्यक्ष श्रीसिंह वास्के, मानिक प्रसाद सिंह, नेहरू महतो, सुषमा बनर्जी, इंदु कुमारी, मनोज कुमार सिंह, देवेंद्र कुमार साहू, शैलेंद्र कुमार, सुदामा माझी, तरणी साहू, गंगासागर मंडल, अरुण कुमार वर्मण, राजेश कुमार मिश्रा, अजीत कुंभकार, शैलेश तिवारी, बलराज हांसदा, चितरंजन महतो, रविंद्र कुमार मछुआ, सोमेन दास, दिलीप गुप्ता, हेमंत महतो एवं अर्जुन सिंह सहित जिले के हजारों की संख्या में शिक्षक शिक्षिकाएं शामिल रहे।

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