कक्षा 1 से 3 तक के बच्चों को बुनियादी साक्षरता एवं संख्यात्मक समझ पर दे विशेष रूप से ध्यान
बच्चों को कक्षा में रहने में सक्षम बनाया जाए, जिससे ड्रॉपआउट की संख्या में कमी आएगी
सरायकेला: उपायुक्त अरवा राजकमल की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग का बैठक किया गया। बैठक में समग्र शिक्षा अभियान एवं मध्यान्ह भोजन से सम्बंधित विभिन्न बिन्दुओ पर प्रखंडवार समीक्षा किया गया। पूर्व की बैठक में दिए गए दिशा निर्देश का भी समीक्षा कर कार्य प्रगति की जानकारी ली गई। पूर्व के बैठक में सभी बीईईओ को प्रत्येक माह 20 विद्यालय का निरीक्षण कर शिक्षकों की उपस्थिति, ऑनलाइन अटेंडेंस चेक करने एवं मिड डे मील संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर जानकारी प्राप्त कर विभाग को अवगत कराने के निदेश दिए गए थे,
जिसके आलोक में सभी बीईईओ के द्वारा 20 से 30 विद्यालयों में निरीक्षण किया गया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया की पूर्व माह तक डीजी साथ के माध्यम से ऑनलाइन क्लास में लगभग 53 हजार की संख्या में छात्र जुड़ते थे वहीं इस माह में 20 हजार की बढ़ोतरी करते हुए 73 हजार की संख्या में बच्चे ऑनलाइन के माध्यम से शिक्षा से जुड़े। उन्होंने बताया कि पूर्व के बैठक तक लगभग 3 हजार शिक्षक बायोमेट्रिक अटेंडेंस से वंचित थे वह संख्या भी अब सात सौ में आ गई है। उपायुक्त ने सभी बीईईओ को लगातार विद्यालयों के निरीक्षण करते रहने के निदेश दिए ताकि शेष बच्चे बच्चो को डीजी साथ के माध्यम से ऑनलाइन क्लास से जोड़ा जा सके। उपायुक्त ने कहा कि निर्वाचन कार्य में जुड़े शिक्षक जो किसी कारणवस बायोमैट्रिक अटेंडेंस करने में असमर्थ हो रहे हैं, को छोड़कर शत प्रतिशत शिक्षकों का बायोमेट्रिक अटेंडेंस हो यह सुनिश्चित करें। उपायुक्त ने कहा ऐसे विद्यालय जहां सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं वहा यदि शिक्षक बायोमेट्रिक अटेंडेंस नहीं करते है तो उनका वेतन काटे। उपायुक्त ने कहा कि निरीक्षण क्रम में मिड डे मील से संबंधित बच्चों को चावल मिल रहा है या नहीं यह जानकारी ले और शत प्रतिशत बच्चो को ससमय राशन मिले यह सुनिश्चित करें।
बैठक में उपायुक्त ने दिशा निर्देश दिए कि ई-विद्यावाहिनी पोर्टल में कस्तूरबा विद्यालय समेत सभी सरकारी विद्यालय के शिक्षक बायोमेट्रिक अटेंडेंस बनाएं, बच्चों का अटेंडेंस ई विद्यावाहिनी पोर्टल में अपलोड करें। राज्य सरकार के निर्देशानुसार जिला स्तरीय प्रखंड स्तर पर स्कोरकार्ड तैयार करें जिसमे विद्यालय में शिक्षक की उपस्थिति बच्चों की उपस्थिति विद्यालय में संचालित की जाने वाली एक्टिविटी एमडीएम इत्यादि बिन्दुओ का जिक्र रहेगा। सभी शिक्षक विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति दर्ज कराने हेतु अभिभावक एवं बच्चों को प्रेरित करें, सुरक्षा मानकों की जानकारी दें तथा शिक्षा से जोड़ने हेतु बच्चों को विद्यालय आने की हेतु प्रेरित करें। सभी बीईईओ विद्यालय भवन में आवश्यक सुविधाओं को बहाल करने हेतु एस्टीमेट तैयार कर कार्यालय को उपलब्ध कराए। सभी बीईईओ एवं संबंधित प्रधानाचार्य विद्यालय मैनेजमेंट कमेटी के साथ बैठक करें। तथा यह सुनिश्चित करें की विद्यालय भवन में बिना अनुमति प्राप्त किए गैर शैक्षणिक कार्य हेतु विद्यालय भवन का उपयोग ना हो। यदि किसी विद्यालय में जुआ, शराब पीने से सम्बंधित या विद्यालय भवन से संबंधित सामग्रियों की चोरी की सूचना प्राप्त होती है तो नियमानुसार समिति समेत अन्य संबंधित पर भी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
बैठक में पीरामल फाउंडेशन के सीनियर प्रोग्रामर निलेश कुमार एवं उनकी पांच सदस्य टीम उपस्थित रही। बैठक में श्री निलेश कुमार द्वारा निपुण भारत मिशन कक्षा 1 से 3 के तहत किए जा रहें कार्य योजनाओं की जानकारी विस्तार पूर्वक दी गई। उपायुक्त ने सभी बीईईओ पीरामेल फाउंडेशन के तहत कार्य योजनाओं का संचालन करने वाले टीम का सहयोग करेंगे, ताकि बच्चों को फाउंडेशन के तहत दी जाने वाली शिक्षा संबंधित सुविधाओं का लाभ समय दिया जा सके।
उपायुक्त ने निपुण भारत अभियान नेशनल इनीशिएटिव फॉर प्रोफिशिएंसी इन रीडिंग विद अंडरस्टैंडिंग एंड न्यूमेरेसी के सफल संचालन और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ स्कूलों में सक्षम वातावरण तैयार करने की बात कही। जिसके माध्यम से आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मकता के ज्ञान को छात्रों को प्रदान किया जा सके। आगे उन्होंने कहा कि निपुण योजना के माध्यम से प्रत्येक बच्चे को तीसरी कक्षा के अंत तक पढ़ने, लिखने एवं अंकगणित को सीखने की क्षमता प्रदान की जाएगी। उन्होने कहा बच्चों को मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक रूप से विकसित करने में पूरे गांव का योगदान होता था। उपायुक्त ने कहा बच्चों को कक्षा में रहने में सक्षम बनाया जाए, जिससे ड्रॉपआउट की संख्या में कमी आएग
मिशन मोड पर चलाया जाएगा अभियान: उपायुक्त….
उपायुक्त ने निपुण भारत अभियान को लेकर संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि मिशन मोड़ में आपसी सहयोग के साथ सभी को कार्य करने की आवश्यकता हैं। कहते हैं कि बच्चों की मूलभूत शिक्षा में सुधार के लिए एक सफल मिशन की परिकल्पना संस्थानों, शिक्षकों, माता-पिता, समुदाय, स्थानीय निकायों आदि की सक्रिय भूमिका के बिना नहीं की जा सकती। इसलिए निपुण भारत मिशन शुरू किया गया है। इससे बच्चे तेजी से सीखने के पथ पर अग्रसर होंगे जिससे बाद के जीवन परिणामों और रोजगार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।