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राज परिवार ने मां दुर्गा के चरणों में रखे शस्त्र, विजयादशमी को ही करेंगे धारण

सरायकेला। सरायकेला सहित आसपास के क्षेत्रों में भी श्रद्धा भाव के साथ मां दुर्गा पूजन उत्सव के महासप्तमी की पूजा की गई। इस अवसर पर श्री श्री पब्लिक दुर्गा पूजा मंडप में परंपरागत शस्त्र पूजा की गई। रजवाड़े के जमाने से चली आ रही खंडाधुआ पूजा परंपरा के तहत उक्त आयोजन किया गया।

जहां सरायकेला राजा प्रताप आदित्य सिंहदेव द्वारा दुर्गा मंडप में संकल्प लेने के पश्चात राज पैलेस स्थित शस्त्रागार खोले गए। मौके पर राज परिवार के सभी सदस्यों ने शस्त्रागार से शस्त्र धारण कर पैदल चलते हुए माजना घाट पहुंचे। जहां विधि विधान के साथ शस्त्रों को खरकाई नदी के जल में धोया गया। इसके पश्चात शस्त्रों को एक स्थान पर रखते हुए पुजारी द्वारा वनदुर्गा का आह्वान कर पूजा अर्चना की गई। जिसके पश्चात राज परिवार के सदस्यों द्वारा शस्त्र धारण कर परंपरागत गाजे बाजे के साथ पैदल चलते हुए श्री श्री पब्लिक दुर्गा पूजा मंडप पहुंचा गया। जहां सरायकेला राजा प्रताप आदित्य सिंहदेव बतौर यजमान शस्त्र पूजा करते हुए शस्त्रों को मां दुर्गा के चरणों में समर्पित कर दिया गया। बताया गया कि विजयादशमी के अवसर पर अपराजिता पूजन के पश्चात ही राज परिवार के सदस्य पुनः शस्त्र धारण करेंगे।

इस दौरान राज परिवार के सदस्य क्रोध करने और किसी भी प्रकार के विवाद से बचेंगे। साथ ही बाल एवं दाढ़ी तक नहीं बनाएंगे। मान्यता रही है कि मां दुर्गा के वार्षिक पूजन उत्सव के अवसर पर महासप्तमी से लेकर विजयादशमी तक की जाने वाली शस्त्र पूजन से शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा के शक्ति का संचार होता है। जो सच्चे प्रवृत्ति के लोगों के लिए सुरक्षा कवच के तौर पर कार्य करता है।

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