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राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाई गई सरदार बल्लभ भाई पटेल की 146वीं जयंती..

सरायकेला। आजादी का अमृत महोत्सव श्रृंखला के तहत सरायकेला स्थित काशी साहू महाविद्यालय के सभागार में सरदार बल्लभ भाई पटेल की 146वीं जयंती राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाई गई। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश विजय कुमार के नेतृत्व में सरदार पटेल की तैलीय चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया।

मौके पर अपने संबोधन में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कहा कि सरदार पटेल देश के महत्वपूर्ण सामाजिक और राजनीतिक नेताओं में से एक थे। देश की आजादी के संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाए। उन्होंने कहा कि अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और मनोबल के दम पर उन्होंने देश की आजादी के बाद एक भारत बनाने का ऐसा मुश्किल काम कर दिखाया, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। भारत के राजनीतिक इतिहास में सरदार पटेल के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। सरदार पटेल राष्ट्रीय एकता के बी + सी बी और नए भारत के निर्माता थे। नीतिगत दृढ़ता के लिए महात्मा गांधी ने उन्हें सरदार और लौह पुरुष की उपाधि दी थी। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित कर आगामी 6 नवंबर को स्वैच्छिक रक्तदान शिविर, सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से वंचित लाभार्थियों को लाभान्वित करने तथा योजनाओं की जानकारी साझा करने के उद्देश्य से मेगा शिविर आयोजित किया जाएगा।

इसके पश्चात प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश विजय कुमार के नेतृत्व में राष्ट्र की एकता, अखंडता एवं सुरक्षा को बनाए रखने के लिए स्वयं को समर्पित करने का सामूहिक संकल्प लिया गया। शपथ में देश की एकता एवं अखंडता के क्षेत्र में सरदार बल्लभ भाई पटेल के योगदानों को स्मरण करते हुए सत्य एवं निष्ठा के साथ देश की आंतरिक सुरक्षा में अपना योगदान समर्पित करने का संकल्प लिया गया।

बताते चलें कि जिला मुख्यालय सहित सभी प्रखंड मुख्यालय, सरकारी कार्यालयों एवं शिक्षण संस्थानों में भी सरदार वल्लभभाई पटेल 146वीं जयंती राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाते हुए राष्ट्रीय एकता का शपथ लिया गया।

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