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नहीं रहे इचागढ़ विधान सभा के पूर्व विधायक साधु चरण महतो

सरायकेला। इचागढ़ के पूर्व विधायक भाजपा नेता साधु चरण महतो का निधन हो गया। इसकी खबर मिलते ही जिले के भाजपाइयों में शोक की लहर दौड़ पड़ी। बताया गया कि कोलकाता के रविंद्र नाथ टैगोर अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट के बाद कोलकाता में ही स्वास्थ्य लाभ कर रहे इचागढ़ के पूर्व विधायक साधु चरण महतो का बीते सोमवार को अचानक से तबीयत बिगड़ने लगा। जिसके बाद केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, भाजपा नेता कुणाल सारंगी, रांची सांसद संजय सेठ और जमशेदपुर सांसद विद्युत वरण महतो ने कोलकाता पहुंचकर डॉक्टरों से साधु चरण महतो के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी हासिल की थी।

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परंतु देर रात अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें सीसीयू में भर्ती कराया गया। जहां मंगलवार की सुबह लगभग 11:30 बजे उनके निधन की सूचना मिली। बताया जा रहा है कि पूर्व विधायक की मौत की सूचना मिलते ही आदित्यपुर नगर निगम के डिप्टी मेयर अमित सिंह सहित उनके पारिवारिक सदस्य सड़क मार्ग से कोलकाता के लिए रवाना हो गए। स्वर्गीय साधु चरण महतो अपने पीछे अपनी पत्नी सहित तीन पुत्री और एक पुत्र छोड़ गए हैं। इधर भाजपा नेता की मौत की सूचना मिलते ही शुभ जताने वालों की प्रतिक्रियाएं आने लगी हैं। भाजपा नेता गणेश महाली में उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि विस्थापितों के हक और अधिकार के लिए संघर्ष करते रहे। तथा गरीब शोषित वंचित पीड़ित लोगों के लिए सदैव मदद के लिए तत्पर रहें। आदित्यपुर नगर निगम के पूर्व उपाध्यक्ष सुरेंद्र नारायण सिंह ने उनके असामयिक निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए इसे कोल्हान की राजनीति से एक शेर की दुखद विदाई बताया है। जन कल्याण मोर्चा के अध्यक्ष और डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष ओमप्रकाश ने कहां है कि झारखंड की राजनीति से एक तेजतर्रार नेता का इस तरह चले जाना बेहद दुखद घटना है। कांग्रेस के कोल्हान प्रवक्ता सुरेश धारी ने भी संवेदना प्रकट करते हुए कहां है कि हमने एक हमउम्र राजनीतिज्ञ के खो दिया है। जो राजनीतिक जगत के लिए एक बड़ी क्षति है। भाजपा नेता सतीश शर्मा ने कहां है कि नि:शब्द करने वाली इस घटना से उन्होंने एक मार्गदर्शक खो दिया है। एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के जिला अध्यक्ष सोनू सरदार ने भी पूर्व विधायक साधु चरण महतो के निधन को एक अपूरणीय क्षति बताया है। जो इचागढ़ के साथ ही विस्थापितों, मजदूरों एवं गरीबों के कई संगठनों के नेतृत्वकर्ता रहते हुए जन कल्याण एवं जन सेवा के लिए सदैव समर्पित भाव से रहे थे।

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