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‘प्रेमचंद जयंती’ के अवसर पर भाषण प्रतियोगिता आयोजित…

सरायकेला: संजय मिश्रा     

उत्क्रमित उच्च विद्यालय कृष्णापुर में ‘उपन्यास सम्राट’ मुंशी प्रेमचंद की जयंती हर्षोल्लास के साथ सोमवार को मनाई गई। सर्वप्रथम सभी शिक्षक- शिक्षिकाओं व सदन कप्तानों ने मुंशी जी के चित्रपट पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। मौके पर आयोजित विशेष प्रार्थना सभा को संबोधित करते हुए प्रभारी प्रधानाध्यापक बुधराम गोप ने कहा कि मुंशी जी का जन्म 31 जुलाई 1880 ई. को बनारस के लमही नामक गांंव में हुआ था। हिंदी साहित्य के इस कालजयी कथाकार की रचनाओं में बीसवीं सदी के औपनिवेशिक भारतीय समाज की सामाजिक विद्रूपताओं,समाज सुधार आंदोलनों व स्वाधीनता संग्राम का अक्स नज़र आता है। हिंदी शिक्षक विश्वजीत कुमार सतपथी ने कहा कि मुंशी जी ने तीन सौ से अधिक कहानियांं तथा लगभग डेढ़ दर्जन उपन्यास लिख कर हिंदी साहित्य को समृद्ध किया।

भाषा सरल, सहज व मुहावरेदार होने के कारण आम पाठकों के बीच में वे आज भी बेहद लोकप्रिय हैं। उनकी कुछेक रचनाओं को सिनेमाई रुपहले परदे पर भी दिखाया जा चुका है। उनकी रचनाएंं विश्व साहित्य की अनमोल धरोहर हैं। इस अवसर पर प्रेमचंद की जीवनी पर आधारित एक भाषण प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। नौवीं की छात्रा अमृता महतो को सर्वश्रेष्ठ वक्ता घोषित किया गया तथा उसे फाइल प्रदान कर पुरस्कृत किया गया। आश्रिता बुडिउली व स्वीटी चाकी के युगल नृत्य ने समां बांंध दिया। मौके पर शिक्षक- शिक्षिकाएंं व भारी संख्या में विद्यार्थी मौजूद रहे।

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