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तीन दिवसीय पातकोम दिशोम वार्षिक महासम्मेलन का संपन्न’….

पातकोम दिशोम वार्षिक महासम्मेलन में मूलतः चार बिन्दुओं पर चर्चा और जागरूक किया गया…

० शैक्षणिक व्यवस्था सुदढ कृतसंकल्प
० युवाओ को अपने भाषा संस्कृति को संजोये रखने की अपील
० माझी पारगाना स्वशासन व्यवस्था रूढी प्रथा को सख्ती से लागू कराने
० सभी स्कूलो मे सथाली भाषा की पढ़ाई आंरभ हो ।

चाण्डिल: परमेश्वर साव – तीन दिवसीय पातकोम दिशोम वार्षिक महासम्मेलन शीशमहल चांडिल डैम के समीप आयोजन किया गया । कार्यक्रम के अंतिम दिन पातकोम दिशोम के तमाम महिला पुरूष अपने पारंपरिक परिधान मे एंव पारंपरिक औजार के साथ शिरकत किए साथ में पारंपरिक नृत्य भी किया गया एवं अपने पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था .रूढी प्रथा संविधान द्वारा प्रदत्त विधि बल को सुसंपन्न सुसगित पुर्ण रूप से लागू हो ।

महासम्मेलन मे विभिन्न वक्ताओं ने भी संबोधित किया। मौके पर पारगाना बाबा रामेश्वर बेसरा, सचिव श्यामल मार्डी, सुकराम हेम्ब्रम, सुधीर किस्कू, बीर माटी जुडी बुटी फाउंडेशन कविराज रातु हांसदा, कुनाराम सोरेन, शक्ति हासदा, धनेश्वर मुर्मु, नेपाल बेसरा, देबेन बेसरा, हराधन मार्डी, महावीर हांसदा, सुदामा हेम्ब्रम,बैद्यनाथ टुडू,सोनाराम मार्डी, आदि उपस्थित थे !

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