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सरकारी व आला अधिकारियों लापरवाही लटका सीआई का प्रमोशन,प्रमोशन के मामले में झारखंड के आला अधिकारियों के सामने फीके पड़े अंचल निरीक्षक,पदोन्नति की इंतजार में हुए रिटायर हुए 24 व 80 अंचल निरीक्षक का मामला है लंबित…

 

प्रमोशन के मामले में झारखंड के आला अधिकारियों के सामने फीके पड़े अंचल निरीक्षक,पदोन्नति की इंतजार में हुए रिटायर हुए 24 व 80 अंचल निरीक्षक का मामला है लंबित…

राँची: अर्जुन कुमार । झारखंड में अंचल निरीक्षक प्रमोशन को लेकर हक व बराबरी की आवाज हमेशा से बुलंद होते रही है। लेकिन मामला जब अधिकारियों या कर्मियों के प्रमोशन का आता है, तो साफ तौर से सौतेलापन देखने को मिलता है। वहीं अगर बड़े अधिकारियों कि प्रदोन्नति को लेकर की प्रमोशन की बात हो तो सरकार से लेकर आला अधिकारी हमेशा ही रेस दिखते हैं।

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ऐसा ही मामला सामने देखने को मिल रहा है कि अंचल निरीक्षकों की हो रही है। पिछले दो वषों से अंचल निरीक्षक अपने प्रमोशन की इंतजार कर रहें हैं। इनकी प्रमोशन को लेकर राज्य सकार या अधिकारियों के पास समय के अभाव के कारण प्रमोशन लटका हुआ है।

20 फरवरी को सरकार व अन्य आला पदाधिकारियों से पूछे जाने पर व्यस्तता की बात कहकर बात टाल दिया जा रहा है। मालूम हो कि अंचल निरीक्षकों के प्रमोशन की सारी प्रक्रिया हो चुकी है, और मामूली ही आखिरी औपचारिकता जेपीएससी के साथ भू-राजस्व विभाग के सचिव को बैठक कर प्रमोशन पर मुहर लगानी है. लेकिन यह काम दो साल से नहीं हो पा रहा है।

आधा दर्जन कर्मी हो गए सेवा निवृत

अंचल निरीक्षक भी एक प्रशासनिक अधिकारी बन सकते हैं। ऐसी चाहत सभी कर्मी रखते हैं. लेकिन इस चाहत को अपने दिल में लिए करीब 24 अंचल निरीक्षक रिटायर हो गए. इसी साल के जनवरी और फरवरी महीने में दो-दो अंचल निरीक्षक रिटायर हो गए, दो साल के अंदर इनकी संख्या करीब 24 हो चुकी है, आने वाले दिनों में अगर सरकार या भू-राजस्व विभाग इस मामले को गंभीरता से नहीं लेता है तो रिटायर कर्मियों की संख्या में और इजाफा होगा।

बताते चलें कि ऐसे करीब 80 अंचल निरीक्षक हैं, जिनका प्रमोशन लंबित है। इनमें काफी संख्या में एससी और एसटी समुदाय से भी हैं. पिछड़ी और अनुसूचित जातियों की हिमायती इस जेएमएम-कांग्रेस और राजद की सरकार में इनका यह हाल है।

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