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आनंद मार्ग प्रचारक संघ द्वारा रेल कर्मियों को दिया गया योग का प्रशिक्षण…

सरायकेला Sanjay। आनन्द मार्ग प्रचारक संघ सरायकेला-खरसावां की ओर से जोनल रेलवे ट्रेनिंग संस्थान सीनी में   टीटी गॉर्ड, रेल ड्राइवर, आरपीएफ संस्थान के समस्त निदेशक एवं कर्मचारीगण के बीच योग, आसन एवं प्राणायाम तीनों का प्रशिक्षण दिया। योग, आसन एवं प्रणायाम तीनों का अंतर समझाते हुए लोगों को प्रशिक्षण देते हुए आचार्य गुणीन्द्र नन्द अवधूत  ने कहा कि अष्टांग योग के माध्यम से ही पूरे विश्व में शांति संभव है। योग ही एक ऐसा माध्यम है जिससे पूरे दुनियां को एक सूत्र में बांधा जा सकता है।

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जब समाज के प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का लक्ष्य एक हो जाए तब वहां सभी तरह का भेदभाव खत्म हो जाता है, जब समाज एक ही सकारात्मक सोच एवं चिंता धारा में बहने का प्रयास करेगा तभी विश्व शांति संभव हो पाएगा। योग के माध्यम से मनुष्य अपने लक्ष्य तक पहुंच सकता है। मानव को मानवता का अहसास योग के माध्यम से ही कराया जा सकता है, योग के बल पर ही भारत दुनिया का विश्व गुरु बन सकता हैे। उन्होंने कहा कि योग, आसन एवं प्राणायाम तीनों अलग अलग चीज है।

जीवात्मा का परमात्मा के साथ एकाकार होने का नाम ही योग है। जिस तरह पानी और चीनी को मिलाने से एकाकार हो जाता है यानि मिलने के बाद चीनी और पानी का अलग अस्तित्व नहीं रहता उसी तरह अध्यात्मिक साधना के माध्यम से जब साधक परमात्मा के साथ मिलकर एक हो जाता है तो उस समय में तथा परमात्मा का बोध का अस्तित्व नहीं रहता है। इस कार्यक्रम में प्रधान गोपाल बर्मन, राजेन्द्र प्रसाद, प्राचार्य अवतार सिंह, आकाश मुखी एवं अनुदेशक सूर्यदेव सिंह इत्यादि मौजूद रहे।

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