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भारत हर विषम परिस्थितियों में एक कदम आगे बढ़ने की सोच रखता है वही नतीजतन पड़ोसी देश को सोच पर मजबूर कर दिया है । जहां सम्पूर्ण विश्व वैश्विक महामारी से जुझ रहा था वही भारत ने कोरोना संक्रमण के बचाव के साथ विश्व बाजार में कोरोना बैक्सीन को लाकर देश के वैज्ञानिकोंने भारत को सम्मान दिया ।

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वही कोरोना की दुसरी लहर ने फिर एक वार खुली चुनौती भारत के समीप रख दिया । ऑक्सीजन की कमी के कारण हजारों लोगों ने अपनी जान गवांई । ऐसे मुश्किल हालात में जहां हमारे देश को कोरोना से लड़ने के लिए तमाम प्रदेशों के साथ देश की राजधानी को ऑक्सीजन की किल्लत को झेलनी पड़ रही है; और जिसे देखते हुए देश के सबसे उच्च स्तर के पदाधिकारी भी अपनी गंभीरता में सजग है और विदेशों से ऑक्सीजन की बड़ी खेपें बहू आयात हो रही है;वहीं इसी बीच एक अच्छी खबर झारखंड के सुदूर क्षेत्र सरायकेला जिले से सुनने को मिल रही है।

ऐसे माहौल में सरायकेला जिला पूरे देश के लिए उदाहरण बनता जा रहा है आपको बता दें यह जिला एशिया का सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र है और यहां ऐसे उद्योग भी हैं जो लगातार मेडिकल ऑक्सीजन का निर्माण करते हैं महामारी के ऐसे माहौल में स्पौक्सी गैस प्रोडक्ट नाम की इस कंपनी के मजदूर लगातार 24 घंटे अपना श्रमदान देकर कर ऑक्सीजन बनाने में लगे हुए हैं।भारत सरकार की इस पहल से की उद्योगों में लॉकडाउन नहीं लगाया जाएगा;आज बीमार लोगों को इलाज कराने में सक्षमता प्रदान कर रहे हैं।इस जिले से पूरे कोल्हान में ऑक्सीजन के सिलेंडर्स की आपूर्ति की जा रही है जिससे रोगियों में एक दृढ़ता देखी जा रही है।आपको बता दे पूरे कोल्हान में 3 जिले आते हैं और आसपास के जिलों में भी आपूर्ति होने के कारण बड़े से बड़े अस्पतालों में सुगमता देखी जाने लगी है यहां काम करने वाले मजदूर बताते हैं कि वह भोजन करने के लिए भी अब ज्यादा समय नहीं लेते हैं और लगातार अपने श्रम के द्वारा ऑक्सीजन का निर्माण कर ऐसे तमाम मरीजों को आराम पहुंचाना अपना पहला लक्ष्य बनाकर रखे हैं।

महामारी के इस युद्ध में जिला प्रशासन भी ऐसे उद्योग के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़ा है जिला के अनुमंडल दंडाधिकारी राम कृष्ण कुमार बताते हैं कि वे लगातार लेकरमानिटरिंग करके यह स्पष्ट करने में लगे हुए हैं कि सरायकेला जिले के साथ-साथ आसपास के जिलों में भी महामारी भयावह रूप नहीं ले सके और चेंबर के लोगों के माध्यम से लगातार मानवता की मिसाल पेश करते हुए खुद ऑक्सीजन गैस सिलेंडर की उपलब्धता सुगमता से करवाने में लगे हुए हैं।यहां तक की ट्रांसपोर्ट करने वाले चालकों ने भी अपना कर्तव्य निभाते हुए बताया कि वे लगातार 24 घंटे गाड़ियों से आपूर्ति कराने में पूरी तरह से सजग हैं।

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