सरायकेला-खरसावां (संजय मिश्रा) बारिश के बाद सरायकेला सिविल कोर्ट परिसर में हो रहे जलजमाव की समस्या के स्थाई समाधान को लेकर सरायकेला नगर पंचायत उपाध्यक्ष मनोज कुमार चैधरी ने वरिष्ठ अधिवक्ता केपी दुबे के साथ प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश विजय कुमार से मुलाकात किए। इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव कुलदीप मान की उपस्थिति में उन्होंने कहा कि पिछले दो दशकों से सरायकेला व्यवहार न्यायालय प्रांगण में बारिश के बाद जलजमाव की समस्या उत्पन्न हो जाती है। जिसके कारण सरायकेला व्यवहार न्यायालय लगभग टापू में तब्दील हो जाता है। इसके पीछे के कारणों के संबंध में उन्होंने कहा कि सिविल कोर्ट परिसर में जलजमाव का दो मुख्य कारण है। जिसमें पहला कारण है कि सिविल कोर्ट की चारदीवारी के बगल से गुजरता हुआ कच्चा नाला बरसात के दिनों में अवरुद्ध हो जाने से नाले और बरसात का पूरा पानी सिविल कोर्ट प्रांगण में पहुंचता है। इसके पीछे के दूसरे कारण के संबंध में उन्होंने बताया कि व्यवहार न्यायालय का कैंपस का ग्राउंड लेबल काफी नीचे है। उक्त दोनों विषयों को लेकर बीते दिनों सरायकेला अनुमंडलाधिकारी द्वारा नगर पंचायत के अभियंता और नगर पंचायत की टीम के साथ उनकी उपस्थिति में निरीक्षण किया गया था। इसके पश्चात सभी के विचार से श्री चैधरी ने उपायुक्त से भी मिलकर इसके स्थाई समाधान के लिए ज्ञापन सौंपा था। वार्ता के दौरान प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा सिविल कोर्ट परिसर में जलजमाव की समस्या के स्थाई निदान और सुंदरीकरण की दिशा में सकारात्मक विचार दिए गए। मौके पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव और वरिष्ठ अधिवक्ता केपी दुबे द्वारा भी इसके स्थाई समाधान को लेकर महत्वपूर्ण विचार दिए गए।
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