सरायकेला- खरसावां (संजय मिश्रा/विकास कुमार) – सरायकेला के लाइफ लाइन खरकाई रिवर के ऊपर लगभग 10 वर्ष पूर्व बने माजना घाट पुल को मरम्मति की आवश्यकता है। नगर पंचायत उपाध्यक्ष मनोज कुमार चौधरी ने इसके मरम्मति करने की मांग को लेकर उपायुक्त को पत्र भेजा है। उन्होंने पत्र में कहा है कि सैकड़ों गांव की लोगों की मांग पर खरकाई नदी के ऊपर बना मांजना घाट पुल को बने करीब 10 वर्ष से ज्यादा हो चुके हैं मांजना घाट पुल के माध्यम से सैकड़ों गांव के लोग सरायकेला प्रखंड, अनुमंडल और जिला मुख्यालय से जुड़े हुए हैं। सैकड़ों गांवों को जोड़ने वाली इस लाइफ लाइन माजना घाट खरकाई पुल अब बेहद जर्जर हालत में पहुंच गया है। पुल को बनाते समय ही तकनीकी खामियां रह गई थी। इसके दोनों ओर तीखे ढलान छोड़ दिए गए थे। वर्तमान माजना घाट पुल के शहर की ओर ढलान में वाहनों के फिसलने का क्रम अक्सर बना रहता है।
पुल के दोनों छोर अब भी अधूरे हैं। जहां लगभग 250 मीटर सड़क कच्ची है। इसे बनाना अतिआवश्यक है। पुल बने 10 बरस से ज्यादा हो गया, लेकिन किसी भी विभागीय पदाधिकारी ने पुल की तरफ पलटकर नहीं देखा। पुल की स्थिति वर्तमान में काफी जर्जर अवस्था में पहुंच गई है। पुल के बीच-बीच में जॉइंट कनेक्शन में काफी बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं, जो हादसे को दावत दे रहे हैं। यदि पुल मरम्मति नहीं होता है, तो जर्जर पुल कभी भी ध्वस्त हो सकता है। जिससे सैकड़ों गांव का सरायकेला शहर के साथ-साथ प्रखंड, अनुमंडल और जिला मुख्यालय से संपर्क कट जाएगा। और वाहनों की आवाजाही ठप हो जाएगी। नगर पंचायत उपाध्यक्ष ने बताया कि इस संबंध में कार्यपालक अभियंता विशेष प्रमंडल से मरम्मति की जानकारी लेने पर उन्होंने बताया कि इस मद में कोई भी राशि उपलब्ध नहीं है।
पुल की मरम्मति के लिए विभाग को पत्राचार किया गया है। पुल पर 10 वर्ष पूर्व डाला गया सीमेंट उखड़ने लगा है। कम स्पान का होने के बावजूद पुल छोटे वाहनों के चलने में ही हिलने लगता है। वर्तमान में जर्जर पुल के कारण छोटी-मोटी दुर्घटनाएं होती रहती है। यही स्थिति बनी रही तो कभी बड़ी दुर्घटना से इनकार नहीं किया जा सकता है। सुरक्षा की दृष्टिकोण से भी विभाग द्वारा सावधानी के लिए वहां पर कोई चेतावनी बोर्ड नहीं लगाया गया।
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