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नो साइड इफेक्ट के तहत प्राकृतिक चिकित्सा का राह दिखाने वाले आयुष चिकित्सा को आज खुद है चिकित्सकों का इंतजार।

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सरायकेला-खरसावां (संजय कुमार मिश्रा)- भारत भूमि की प्राकृतिक चिकित्सा आयुर्वेद का जिले सहित राज्य भर में चिकित्सकों के अभाव में खस्ताहाल बताया जा रहा है। इसके साथ ही आयुष विभाग के दो और विंग होम्योपैथिक चिकित्सा और यूनानी चिकित्सा भी चिकित्सकों के अभाव में जिले में मृत्युशय्या पर पड़ी सांसे लेते हुए बताया जा रहा है। नो साइड इफेक्ट के मूल मंत्र वाले इस विभाग पर लोगों के असीम विश्वास भी अब जिले में दम तोड़ते हुए नजर आने लगे हैं। जहां एक ओर सीमित संसाधन में ही मौजूद चिकित्सकों द्वारा आयुष चिकित्सा को बनाए रखने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर जिले के 20 औषधालयों में से मात्र औषधालय ही इलाज के लिए खुल रहे हैं। शेष 18 औषधालयों में चिकित्सकों के अभाव के कारण ताला लटक रहा है। इसी प्रकार संयुक्त औषधालय मिलाकर जिले में आयुष चिकित्सक के कुल 23 स्वीकृत पदों में से मात्र 4 आयुष चिकित्सक कार्यरत हैं। जिसमें दो आयुर्वेद और दो होम्योपैथ के चिकित्सक हैं। यूनानी चिकित्सा पद्धति के एक भी चिकित्सक जिले में नहीं है। यह समान स्थिति कोरोना संकटकाल में लगभग बीते 6 महीनों से बनी हुई है। परंतु राज्य विभाग या केंद्र सरकार द्वारा इस दिशा में अब तक कोई पहल नहीं की गई है।

प्रखंड के औषधालय में चल रहा है जिला संयुक्त औषधालय –

जिले में आयुष चिकित्सा का हाल इसी से जाना जा सकता है कि आज तक जिला के संयुक्त औषधालय को अपना भवन नहीं मिल सका। प्रखंड के राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय सरायकेला के भवन में आज तक जिला संयुक्त औषधालय चलाया जा रहा है। जिसका भवन भी कई स्थिति में जर्जर हो चुका बताया जा रहा है। ऐसा नहीं है कि संयुक्त औषधालय के लिए अपना भवन की तैयारी नहीं है। परंतु बीते 10 वर्षों के अधिक समय से भी भवन लगातार प्राक्कलन दर प्राक्कलन निर्माणाधीन अवस्था में ही जर्जर हो चला है।

ऐसे जाने चिकित्सकों की स्थिति –

जिले के संयुक्त औषधालय के लिए आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक और यूनानी के 1-1 चिकित्सक का पद स्वीकृत है। जिनमें से मात्र आयुर्वेदिक के एक चिकित्सक डॉ विपिन चंद्र गुप्ता पदस्थापित हैं। जो जिला आयुष चिकित्सा पदाधिकारी के प्रभार में भी कार्यरत हैं। इसी प्रकार होम्योपैथिक के एक चिकित्सक डॉ विनय माझी संयुक्त औषधालय में पदस्थापित हैं। इसके अलावा राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय कुचाई में आयुर्वेद के एक चिकित्सक डॉ इंतखाब अहमद फारुकी और राजकीय होम्योपैथिक औषधालय ब्रह्मकुटुम्ब में होम्योपैथिक के एक चिकित्सक डॉ राजकुमार प्रजापति पदस्थापित हैं। इसके साथ ही जिले में 13 राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय में से 12, 5 राजकीय होम्योपैथिक औषधालय में से 4 और दो राजकीय यूनानी औषधालय में से दोनों ही चिकित्सकविहीन बने हुए हैं।

कोरोना मई 1 में बना था इम्यूनिटी डेवलपमेंट के लिए आयुष क्वाथ –

बीते वर्ष कोरोना के ूमइ1 संक्रमण काल में जिला आयुष विभाग द्वारा बढ़-चढ़कर कोरोना संक्रमण से सुरक्षा के लिए कार्य किए गए थे। जिसके तहत विभाग के निर्देश से कोरोना वारियर्स के इम्यूनिटी डेवलपमेंट के लिए आयुष क्वाथ तैयार कर वितरित किया गया था। वर्तमान में सीमित संसाधन में भी बेहतर प्रदर्शन को लेकर कार्य किए जा रहे हैं। जिसके तहत संयुक्त औषधालय द्वारा कोरोना वेब टू के समय कोरोना संक्रमण से सुरक्षा के लिए जन जागरूकता को लेकर कार्य किए गए। साथ ही औषधीय पौधों की मदद से विभिन्न रोगों के इलाज के लिए भी जन जागरूकता के प्रयास किए जा रहे हैं।

डॉ विपिन चंद्र गुप्ता जिला आयुष चिकित्सा पदाधिकारी ने बताय की जिले भर के संचालित और औषधालयों में चिकित्सकों की कमी है। जिला संयुक्त औषधालय के लिए लगातार प्रयास के बावजूद भी अपना भवन नहीं उपलब्ध हो सका है। बावजूद इसके सीमित संसाधन में ही जिले में आयुष चिकित्सा के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

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