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विश्व जनसंख्या दिवस पर जनसंख्या नियंत्रण फाउंडेशन ने दिया धरना; प्रधानमंत्री के नाम उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन। 

बढ़ती हुई जनसंख्या देश की बर्बादी: मनोज कुमार चौधरी।

सरायकेला। विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर जनसंख्या नियंत्रण फाउंडेशन के बैनर तले पूरे भारतवर्ष के 400 जिला मुख्यालयों में बढ़ती जनसंख्या पर अंकुश लगाने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया। धरना प्रदर्शन की कड़ी में सरायकेला-खरसावां जिला मुख्यालय में पिंकी मोदक के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन किया गया। एवं प्रधानमंत्री के नाम उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा गया। धरना प्रदर्शन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सह जनसंख्या फाउंडेशन के प्रदेश महासचिव सह सरायकेला नगर पंचायत उपाध्यक्ष मनोज कुमार चौधरी ने संबोधित करते हुए कहा कि भारत में जनसंख्या विस्फोट का असर अब दिखाई देने लगा है। हमारी सुविधाएँ सिकुड़ने लगी हैं और दैनंदिन जीवन मुश्किल में पड़ने लगा है। भारत की राजधानी जनसंख्या विस्फोट से उबलने लगी है। देश के मेट्रो शहरों का हाल भी बहुत खराब है। दिल्ली व अन्य शहरों में आये दिन लगने वाले ट्रैफिक जाम ने जीना हराम कर दिया है। वाहन रेंगने की स्थिति में पहुँच गए हैं। लोगों को पैदल चलना अधिक मुनासिब लग रहा है। बहरहाल बढ़ती जनसंख्या की दुश्वारियां सिर चढ़कर बोलने लगी हैं। भूखों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। विकास कार्य सिकुड़ रहे हैं। रोटी, कपड़ा और मकान की बुनियादी सुविधाओं की बात करना बेमानी हो गया है। विकास का स्थान विनाश ने ले लिया है।

उन्होंने कहा कि आज विश्व की जनसंख्या सात अरब से ज्यादा है। अकेले भारत की जनसंख्या लगभग 1 अरब 40 करोड़ के आसपास है। भारत विश्व का दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है। आजादी के समय भारत की जनसंख्या 33 करोड़ थी। जो आज चार गुना तक बढ़ गयी है। परिवार नियोजन के कमजोर तरीकों, अशिक्षा, स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता के अभाव, अंधविश्वास और विकासात्मक असंतुलन के चलते आबादी तेजी से बढ़ी है। संभावना है कि 2050 तक देश की जनसंख्या चीन को पछाड़कर 1.6 अरब हो जायेगी। फिलहाल भारत की जनसंख्या विश्व जनसंख्या का 17.5 फीसद है। भूभाग के लिहाज से हमारे पास 2.5 फीसद जमीन है। 4 फीसद जल संसाधन है। जबकि विश्व में बीमारियों का जितना बोझ है, उसका 20 फीसद अकेले भारत पर है। वर्तमान में जिस तेज दर से विश्व की आबादी बढ़ रही है उसके हिसाब से विश्व की आबादी में प्रत्येक साल आठ करोड़ लोगों की वृद्धि हो रही है। और इसका दबाव प्राकृतिक संसाधनों पर स्पष्ट रूप से पड़ रहा है। इतना ही नहीं विश्व समुदाय के समक्ष माइग्रेशन भी एक समस्या के रूप में उभर रहा है। क्योंकि बढ़ती आबादी के चलते लोग बुनियादी सुख−सुविधा के लिए दूसरे देशों में पनाह लेने को मजबूर हैं।

जनसंख्या वृद्धि एक नयी चुनौती बनकर हमारे सामने आई और आज भी इस पर काबू पाने में सरकार को कठिनाई हो रही है। जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणाम देश को भोगने पड़ रहे हैं। अधिक जनसंख्या के कारण बेरोजगारी की विकराल समस्या उत्पन्न हो गयी है। लोगों के आवास के लिए कृषि योग्य भूमि और जंगलों को उजाड़ा जा रहा है। यदि जनसंख्या विस्फोट यूँ ही होता रहा तो लोगों के समक्ष रोटी, कपड़ा और मकान की विकराल स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। इससे देशवासियों को बचाने के लिए हमारी पुरजोर मांग है कि सरकार बढ़ती जनसंख्या को रोकने के लिए कड़े से कड़े कानून जल्द लागू करें। अन्यथा विकास का स्थान विनाश को लेते अधिक देर नहीं लगेगी। मौके पर प्रदेश संगठन मंत्री पिंकी मोदक एवं महिला विंग की जिला अध्यक्ष रुपा पति सहित दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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