सरायकेला के जगन्नाथपुर में नौ दिवसीय श्रीमद्भागवत गीता का हुआ समापन, उमड़ी
भक्तों की भीड़…
सरायकेला: सरायकेला प्रखंड के जगन्नाथपुर गांव में चल रहे नौ दिवसीय श्रीमद भागवत कथा का कुंजभंग के साथ समापन हुआ। भागवत कथा में चार वेद, पुराण, गीता एवं श्रीमद् भागवत महापुराण की व्याख्या, प्रभुपाद, पंडित रामानाथ होता के मुखारवृंद से उपस्थित भक्तों ने श्रवण किया। विगत नौ दिनों तक भगवान श्री कृष्ण जी के वात्सल्य प्रेम, असीम प्रेम के अलावा उनके द्वारा किए गए विभिन्न लीलाओं का वर्णन कर वर्तमान समय में समाज में व्याप्त अत्याचार, अनाचार, कटुता, व्यभिचार को दूर कर सुंदर समाज निर्माण के लिए युवाओं को प्रेरित किया। इस धार्मिक अनुष्ठान के नौवें एवं अंतिम दिन भगवान श्री कृष्ण के सर्वोपरी लीला श्री रास लीला, मथुरा गमन, दुष्ट कंस राजा के अत्याचार से मुक्ति के लिए कंसबध, कुबजा उद्धार, रुक्मणी विवाह, शिशुपाल वध एवं सुदामा चरित्र का वर्णन कर लोगों को भक्तिरस में डुबो दिया। इस दौरान भजन गायन ने उपस्थित लोगों को ताल एवं धुन पर नृत्य करने के लिए विवश कर दिया। पंडित जी ने सुंदर समाज निर्माण के लिए गीता से कई उपदेश के माध्यम अपने को उस अनुरूप आचरण करने कहा जो काम प्रेम के माध्यम से संभव है, वह हिंसा से संभव नहीं हो सकता है। समाज में कुछ लोग ही अच्छे कर्मों द्वारा सदैव चिर स्मरणीय होता है, इतिहास इसका साक्षी है। लोगों ने देर रात तक संगीत का आनंद उठाया। इस नौ दिवसीय भागवत कथा में व्यासपीठ से कथावाचक पंडित रामानाथ होता, बसंत प्रधान, दिनेश प्रधान, मुनू प्रधान, कृष्णा प्रधान, अजीत प्रधान, नागेश्वर प्रधान व एकमात्र महिला कथावाचक नर्मदा देवी जी ने उडि़या भाषा में कथा सुनाया। जिसमे आस-पास गांव के अलावा दूर दराज से काफी संख्या में महिला-पुरूष भक्तों ने इस कथा का आनंद उठाया। भागवत कथा के समापन पर खरसावां के पूर्व विधायक मंगल सिंह सोय शामिल होकर माथा टेका। भागवत कथा के सफल आयोजन में नागेश्वर प्रधान, रामकुमार ग्वाला, पंचानन महतो, सहदेव सरदार, बिमल प्रधान, शम्भूनाथ प्रधान, आशुतोष प्रधान, दामोदर प्रधान, राजेन्द्र प्रधान, देवीदत्त प्रधान, बिजय प्रधान, विष्णु प्रधान, शिवरतन प्रधान, गुणाधर प्रधान, वशिष्ठ प्रधान, सोमनाथ सरदार, शेखर प्रधान समेत समस्त ग्रामीणों का सराहनीय योगदान रहा।