Spread the love

जज्बा: झारखंड पदयात्रा पर निकले 25 वर्षीय आर्या गुप्ता 885 किलोमीटर पैदल यात्रा कर पहुंचे सरायकेला; कहा…

“संस्कृति और संस्कारों से समृद्ध अपना झारखंड; इसे अपसंस्कृति से बचाइए और झारखंडी होने पर गर्व कीजिए

सरायकेला। कहते हैं कि जज्बा यदि मजबूत हो तो कठिन मुश्किलें भी आसान राह बन जाती हैं। 25 के मौज मस्ती करने वाले और भटकाव वाले उम्र में झारखंड के सपूत 25 वर्षीय आर्या गुप्ता ने एक पवित्र उद्देश्य से कुछ ऐसा ही जज्बा ठाना है। जिसके तहत झारखंड के बोकारो जैना मोड़ निवासी आर्या ने झारखंड की कला एवं संस्कृति को जानने तथा यहां के इतिहास को जानने समझने के लिए झारखंड पदयात्रा शुरू की है। तकरीबन 885 किलोमीटर 5 जिलों की पैदल यात्रा करते हुए सरायकेला पहुंचे आर्य गुप्ता ने संवाददाता के साथ अपने विचार शेयर किए।

Advertisements
Advertisements

आर्या ने बताया कि बीते 18 दिसंबर को बोकारो के जैना मोड़ से उसने झारखंड पदयात्रा की शुरुआत की है। जिसके तहत आर्या पैदल यात्रा करते हुए झारखंड प्रदेश के सभी 24 जिला जाएंगे। वर्तमान में बोकारो से रामगढ़, रांची, सरायकेला-खरसावां और पूर्वी सिंहभूम होते हुए पुन: सरायकेला-खरसावां के जिला मुख्यालय सरायकेला पहुंचे हैं। जिसके बाद आगे के सफर के लिए वे पश्चिमी सिंहभूम की ओर रवाना होंगे।

अपनी पदयात्रा का उद्देश्य बताते हुए उन्होंने कहा कि झारखंड की कला एवं संस्कृति तथा संस्कार को जानना तथा यहां के इतिहास को जानना समझना है। साथ ही इस को बचाए रखने के लिए लोगों को जागरूक कर और स्वयं के स्तर पर भी प्रयास करना है।

 

जाने आर्या गुप्ता के ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग से पदयात्रा तक के सफर को:-

आर्या गुप्ता का जीवन आर्थिक तंगी के बीच काफी कठिनाइयों भरा रहा है। उनके पिता प्राण किष्टो महतो पूर्व में सब्जी बेचने का काम किया करते थे। और वर्तमान में मजदूर हैं। माता शीला देवी कुशल गृहणी है। और अपने परिवार के लिए प्रेरणा तुल्य हैं। आर्या गुप्ता ने कठिन पारिवारिक आर्थिक परिस्थिति के बीच पुणे से ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग की है। और वर्तमान में विस्थापित महाविद्यालय बालीडीह से स्नातक की पढ़ाई कर रहे हैं। अंडर-16 और अंडर-19 क्रिकेट में जिले का प्रतिनिधित्व कर चुके आर्या फोटोग्राफर के रूप में भी क्या रे कर चुके हैं। उन्होंने कहा है कि उनकी झारखंड पदयात्रा के बाद ही उनका आने वाला भविष्य तय होगा।

पदयात्रा में लोगों से मिल कर रहे हैं जागरूक:- झारखंड पदयात्रा के क्रम में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण करते हुए एक ओर जहां आर्या झारखंड की कला एवं संस्कृति तथा संस्कारों और इतिहास को जानने समझने का कार्य कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर लोगों से विशेषकर युवा वर्ग से मिलते हुए नशा पान से दूर रहने और आत्महत्या जैसा दुर्बल मानसिक विचार से दूर रहने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

आर्या दे रहे हैं संदेश:-
झारखंड का इतिहास बेहद समृद्ध है। और यहां की कला संस्कृति एवं संस्कार महान एवं व्यापक हैं। इसे बचाए रखना सभी की जिम्मेदारी है। अपसंस्कृति को अपने मूल संस्कृति में प्रवेश करने से रोके। और अपने झारखंडी होने पर गर्व करें।

Advertisements

You missed