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राज्य में सहायक आचार्य नियुक्ति अवैध: कुणाल दास . . .

  • सरायकेला संजय 

राज्य सरकार द्वारा सूबे के सरकारी प्रारंभिक विद्यालयों में सहायक आचार्य नियुक्ति की घोषणा को पारा शिक्षक-गैर पारा जेटेट सफल अभ्यर्थी संघ ने अवैध करार दिया है।

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साथ ही इसे निरस्त करने के लिए संघ ने सड़क से न्यायालय तक पूरी ताकत झोंकने की बात कही है। गुरूवार को इस संदर्भ में एक प्रेसवार्ता के दौरान संघ के प्रदेश अध्यक्ष कुणाल दास ने कहा कि पिछले चार सालों से नियुक्ति को लेकर कुंभकर्णी नींद में सो रही सरकार अब अंतिम वर्षों में अप्रासंगिक तरीके से शिक्षक बहाली का प्रयास कर रही है।

शिक्षा सचिव से लेकर मुख्यमंत्री तक को मालूम होना चाहिए कि झारखण्ड में सहायक आचार्य की नियुक्ति के लिए अब तक कोई भी पात्रता परीक्षा आयोजित नहीं हुई है। ऐसे में प्रस्तावित सहायक आचार्य नियुक्ति प्रक्रिया में कौन आवेदन करेंगे यह स्पष्ट नहीं है। यदि सरकार उक्त नियुक्ति प्रक्रिया में वर्ष 2012 और 2016 में जेटेट उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को शामिल करती है तो यह पूरी तरह से ग़लत है।

इसका कारण यह है कि राज्य में अब तक आयोजित दोनों ही जेटेट परीक्षा झारखण्ड प्रारंभिक विद्यालय शिक्षक नियुक्ति नियमावली 2012 के तहत सहायक शिक्षक की नियुक्ति के लिए ली गई थी। ऐसे में अगर सरकार नियमों को ताक पर रखकर सहायक शिक्षक अभ्यर्थियों को सहायक आचार्य परीक्षा में शामिल कराने का प्रयास करती है तो संघ इसका विराट विद्रोह छेड़ेगा।

श्री दास ने आगे बताया कि सूबे के तमाम जेटेट सफल अभ्यर्थी सहायक शिक्षक बनने की पात्रता रखते हैं और यह उनके जेटेट सर्टिफिकेट में भी दर्ज है। सरकार विगत सात वर्षों से कोई भी प्रारंभिक शिक्षक नियुक्ति नहीं ले पाई है। अपनी निष्क्रियता को ढंकने के लिए आनन-फानन में घटे हुए वेतनमान के साथ अवैध रूप से सहायक आचार्य नियुक्ति नियमावली के तहत शिक्षक नियुक्ति करने जा रही है।

इसे हम किसी भी हालत में स्वीकार नहीं करेंगे। जब हमारे जेटेट परीक्षा के विज्ञापन में दर्ज था कि परीक्षा झारखण्ड प्रारंभिक विद्यालय शिक्षक नियुक्ति नियमावली 2012 के तहत सहायक शिक्षक नियुक्ति के लिए ली जा रही है तो सरकार बीच मझधार में पॉलिसी चेंज करते हुए ग़लत निर्णय नहीं ले सकती। हमने इस संदर्भ में अदालत जाने का फैसला कर लिया है।

अगर सहायक आचार्य नियुक्ति का विज्ञापन आता है तो इसे निरस्त कराने के लिए माननीय हाईकोर्ट में गुहार लगाएंगे। साथ ही आने वाले समय में सरकार के इस ग़लत फैसले के विरुद्ध सड़क पर भी उतरकर राज्य भर के तकरीबन एक लाख जेटेट सफल अभ्यर्थी वृहत आंदोलन छेड़ेंगे।

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