प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के तहत सभी प्रखंड मुख्यालयों में 15 जून से 15 जुलाई तक कैंप का आयोजन…
रामगढ ब्यूरो: इन्द्रजीत कुमार
झारखंड सरकार उद्योग विभाग के द्वारा प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना के तहत सूक्ष्म खाद्य आधारित उद्यमो की स्थापना उधमों के उन्नयन के लिए परियोजना लागत का 35% अधिकतम रुपया दस लाख तक पूंजीगत अनुदान लाभुकों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से जिले के प्रत्येक प्रखंड मुख्यालय स्तर पर विशेष अभियान के तहत 15 जून से 15 जुलाई 23 तक कैंप का आयोजन किया गया। कैंप में सूक्ष्म खाद खाद्य आधारित उद्यमों की स्थापना के लिए अथवा उद्यमों के उन्नयन / उत्थान के लिए ऑनलाइन आवेदन का पंजीकरण किया जा रहा हैं। जो भी इच्छुक व्यक्ति हो अपने-अपने प्रखंड मुख्यालय में जाकर अपने आवेदन का ऑनलाइन पंजीकरण करा सकते हैं।
प्रखंड मुख्यालय में पंजीकरण कराने का समय 11:00 पर वाहन से लेकर 4:00 अपराह्न तक तय किया गया। इसी योजना अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के उद्यमों के स्थापना व उन्नयन के लिए अनुदान का प्रावधान हैं। एफपीओ एवं स्व सहायता समूह अथवा सहकारिता समूह को पूंजी निवेश पर 35% क्रेडिट लिंक्ड अनुदान। स्वयं सहायता समूह को शुरुआत करने हेतु 40 हजार का प्रारंभिक पूंजी दिया जाएगा।चिन्हित खाद्य उत्पाद की ब्रांडिंग और विपणन की सहायता के लिए कुल व्यय के 50% तक सहायता दी जाएगी।
व्यक्तिगत सूक्ष्म खाद्य उद्यमों को उन्नयन हेतु न्यूनतम 10% लाभार्थी का योगदान अनिवार्य होगा। एक जिला एक उत्पाद के अंतर्गत चयनित उत्पाद आधारित उद्योग को अनुदान में प्रमाणिकता दी जाएगी। योजना का लाभ लेने हेतु ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए www.pmfme.mofpi.gov.in पर आवेदन कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री द्वारा देश के नागरिको को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई अन्य तरह के प्रयास किए जा रहे और इसके साथ ही कई तरह की योजनाए भी चलाई जा रही है। इसी बात को ध्यान देते हुए, हमारे देश की केंद्र सरकार ने बेरोज़गार नागरिको को ध्यान में रखते हुए, प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना को शुरू किया गया। इसी योजना को आरम्भ करने का मुख्य उदेश्य यह है की देश के नागरिको को रोजगार से जोडा जा सके।
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना का लाभ सरकार द्वारा इस योजना का लाभ देश के छोटे और लघु व्यवसाय करने वाले उद्यमियों को दिया जाता हैं। इस योजना के तहत छोटे और लघु खाद्य व्यवसाय और राजस्व को आगे बढ़ाने के लिए सब्सिडी और सहायता के रूप में आर्थिक सहायता प्रदान की जाती हैं। इसके अलावा लोगों को प्रशिक्षण, प्रशासनिक सहायता, MIS योजना का प्रचार प्रसार की सुविधाएं भी निशुल्क दी जाती है।
लाभुकों की पात्रता
आवेदक को भारत का स्थाई निवासी होना चाहिए।
देश के छोटे और बड़े उद्योगपति दोनों योजना के आवेदन करने के पात्र हैं।
उद्योग खाद्य प्रसंस्करण गतिविधियों से संबंध रखता हो।
आवेदक की आयु 18 वर्ष या इससे अधिक की होनी चाहिए।
आवेदक कम से कम 8वीं कक्षा पास होना चाहिए।
केवल एक ही परिवार का एक व्यक्ति इस योजना का लाभ लेने का पात्र है।
आवेदक जिस उद्योग के लिए आवेदन कर रहा हो उसका खुद मालिक होना चाहिए।
उद्योग एक जिले में पहचाने गए उत्पाद, जिले के एक उत्पाद में शामिल होना चाहिए।
कम से कम उद्योग में 10 श्रमिक काम करते हो।
आवेदक द्वारा प्रोपराइटरशिप या पार्टनरशिप फर्म के लिए ही इस योजना का लाभ लिया जा सकता है।
भूमि की लागत को परियोजना लागत में शामिल नहीं किया जाना चाहिए।
लंबी लीज या रेंटल वर्कशीट के साथ रेडी बिल्ट की लागत को परियोजना लागत में शामिल किया जा सकता है।
वर्कशीट का लीज रेंटल जो परियोजना लागत में शामिल है अधिकतम 3 वर्षों की अवधि के लिए होना चाहिए।
आवश्यक दस्तावेज
आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, उद्योग से जुड़े दस्तावेज, बैंक खाता विवरण, पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ
मोबाइल नंबर।