बांदना परब के अवसर पर गोहाल पूजा का हुआ आयोजन…
सरायकेला:संजय मिश्रा
सरायकेला। चार दिवसीय प्रकृति पर्व बांदना मनाते हुए पशुपालकों ने बुधवार को गोहाल पूजा की। जिसके तहत गौशाला की शुद्धता के साथ लीपाई करते हुए साल लकड़ी की दो प्रतिमूर्ति गाय बैलों के देवता गरईया ठाकुर और माता काली को स्थापित कर पूजा अर्चना की गई। जिसके बाद पशुओं की सुरक्षा और अच्छे स्वास्थ्य को लेकर घर की स्त्रियों द्वारा चावल की गुंडी, सिंदूर और मेथी के साथ पशुधन को पूजा गया।
साथ ही धान शीश के ताज का श्रृंगार भी किया गया। और पूरी शुद्धता के साथ घरों में बनाए गए पीठा पकवान को पशुधन को खिलाते हुए उनकी आरती उतारी गई। पशुपालक ललित नंदा बताते हैं कि इस दिन गाय और बैलों को सर्वप्रथम स्नान कराकर उन्हें रंग लगाते हुए गले में नई रस्सी डालकर पूजन के साथ-साथ गुड और चावल मिलाकर खिलाए जाने की परंपरा है।
इस अवसर पर पूरी रात ग्रामीणों द्वारा ढोल मादल बजाते हुए घर-घर जाकर गाय बैलों का जागरण कराया गया। धार्मिक मान्यता रही है कि इस दिन भगवान भोलेनाथ शिव शंकर पशुओं का हाल जानने के लिए धरती पर स्वयं आते हैं। और पशुपालकों द्वारा अपने पशुओं का सत्कार होता देख बेहद प्रसन्न होते हैं। और विधि विधान के साथ गोहाल एवं गोवंश पूजन करने वाले पशुपालकों को सुखी एवं समृद्धि का आशीष देते हैं।