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9 दिवसीय श्री राम कथा का द्वितीय दिवस, सनातन संस्कृति में निष्काम सेवा ही मुक्ति का मार्ग : पं वेदानंद शास्त्री…

सरायकेला: संजय मिश्रा ।

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मारवाड़ी युवा मंच, अखिल मारवाड़ी महिला समिति एवं अखिल मारवाड़ी सम्मेलन सरायकेला के संयुक्त तत्वावधान में मारवाड़ी धर्मशाला में आयोजित संगीतमयी नौ दिवसीय श्रीराम कथा के दूसरे दिन पर व्यास पीठ से सती चरित्र का वर्णन करते हुए पंडित वेदानंद शास्त्री जी द्वारा कथा में शिव चरित्र का सुन्दर वर्णन किया गया। मां पार्वती के जन्म, कामदेव के भस्म होने और भगवान शिव द्वारा विवाह के लिए सहमत होने की कथा सुनाई। माता सती ने अभिमान वश कूंभज ऋषि से श्रीराम की कथा को नहीं सुना और श्रीराम पर संदेह किया। महाराज ने कथा सुनाते हुए कहा कि राजा दक्ष प्रजापति ने भगवान शंकर का अपमान करने के लिए महायज्ञ का आयोजन किया था।

जिसमें उसने भगवान शिव को छोड़कर समस्त देवताओं को आमंत्रण भेजा था। भगवान शंकर के मना करने के बाद भी सती अपने पिता के यहां जाने की इच्छा जताई तो भगवान शंकर ने बिना बुलाए जाने पर कष्ट का भागी बनने की बात कही। इसके बाद भी सती नहीं मानी और पिता के घर चली गईं। पिता द्वारा भगवान शंकर का अपमान किये जाने पर सती ने हवन कुंड में कूदकर खुद को अग्नि में समर्पित कर दिया। इसके बाद भगवान शंकर के दूतों ने यज्ञ स्थल को तहस-नहस कर दिया। माता सती के अग्नि में प्रवाहित होने के बाद तीनों लोकों को भगवान शिव के कोप भाजन का शिकार होना पड़ा। लेकिन माता सती ने दोबारा जन्म लिया और जिसके बाद हर-गौरी का विवाह आनंदपूर्वक संपन्न हुआ। हिमाचल ने कन्यादान दिया। विष्णु भगवान तथा अन्यान्य देव और देव-रमणियों ने नाना प्रकार के उपहार भेंट किए। ब्रह्माजी ने वेदोक्त रीति से विवाह करवाया।

दुसरे दिन कथा के मुख्य यजमान सीताराम सेक्सरिया, मारवाड़ी सम्मेलन के जिला अध्यक्ष सह सरायकेला नगर पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष मनोज कुमार चौधरी, मारवाड़ी युवा मंच के अध्यक्ष आकाश अग्रवाल, मारवाड़ी महिला समिति की अध्यक्षा रेखा सेक्सरिया, संदीप सेक्सरिया, बिमल चौधरी सविता चौधरी, इंद्रा अग्रवाल, सत्यनारायण अग्रवाल, सरोज सेक्सरिया, अरुण सेक्सरिया, सुषमा चौधरी, बरखा चौधरी, सुधा अग्रवाल, राधा अग्रवाल, कविता अग्रवाल एवं काफी संख्या में श्रोतागण उपस्थित रहे।

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