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चाइल्डलाइन के पूर्व कर्मियों ने बिना वैकेंसी नियुक्ति को लेकर ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम एवं सांसद जयंत सिन्हा को सौंपा ज्ञापन…

संजय मिश्रा सरायकेला:

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सरायकेला। चाइल्डलाइन बच्चों की देखभाल एवं सुरक्षा की आवश्यकता के लिए एक आपातकालीन सेवा है । जो मुसीबत में फँसे बच्चों के लिए 24/7 घंटे सेवा प्रदान करती आयी है। परंतु 31 अगस्त 2023 से झारखंड के सभी ज़िलों में चाइल्डलाइन के तीन व्यक्तियों से कार्य लिया जा रहा था।

बताया गया कि विभाग द्वारा तीन कर्मियों को दो माह (सितम्बर, अक्टूबर) के लिए पत्र प्राप्त हुआ था। परंतु तीन कर्मियों को सभी जिला में 4 महीने कार्य करवाया गया। जिसका भुगतान कर्मियों को अभी तक नहीं किया गया है। विभाग द्वारा एजेंसी के माध्यम से बिना किसी सूचना बिना किसी वेकेन्सी के नए लोगों को नियुक्ति भी दे दिया गया है।

और जो पूर्व में तीन कर्मियों को रखा गया था, उन्हें भी सेवा मुक्त कर दिया गया है। जिसके कारण पूरे झारखंड के चाइल्डलाइन कर्मियों को काफ़ी ज़्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। चाइल्डलाइन के सारे कर्मी बच्चों की सेवा करने में कई वर्षों तक अपना योगदान दिये हैं। विभाग द्वारा नए कर्मियों को नियुक्ति भी दे दिया गया है।

और पूर्व में चाइल्डलाइन के जो कर्मी है उनको दरकिनार कर दिया गया है। इसी समस्या को लेकर “झारखण्ड चाइल्डलाइन संघर्ष समिति” की टीम झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम एवं हजारीबाग सांसद जयंत सिन्हा से मुलाक़ात कर अपनी समस्या को लेकर ज्ञापन सौंपा।

मंत्री आलमगीर आलम द्वारा आश्वासन दिया गया है कि वो इस समस्या को लेकर विभाग से बात करेंगे और जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करने की कोशिश करेंगे। इसी प्रकार सांसद जयंत सिन्हा द्वारा भी आश्वासन दिया गया कि इस संबंध में वे महिला एवं बाल विकास विभाग से बात करेंगे।

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