61 करोड़ पर विचौलियों की नजर,स्वर्णरेखा परियोजना के विस्तापितों को लूटने
की चल रही नये तरिके …..
झारखण्ड मानवाधिकार संघ ने सूचना के तहत् 61 करोड़ की
मांगी जानकारी……
चण्डिल (सुदेश कुमार) चाण्डिल स्वर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना को लेकर राज्य सरकार गंभीर रही है जिसे लेकर केंद्र से 200 करोड़ मांगा है. जानकारी के मुताबिक इस परियोजना के लिये केंद्र सरकार से 616.96 करोड़ रुपये मिलने हैं.
राज्य सरकार द्वारा परियोजना पर वर्ष 2021-22 में 181.45 करोड़ का बजट प्रावधान किया गया है. इनमें से 117.88 करोड़ का आवंटन किया जा चुका है.राज्य सरकार का दावा है कि परियोजना को निधि की कमी नहीं होने दी जायेगी. परियोजना को 2023-24 में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
गौरतलब है कि स्वर्णरेखा परियोजना का काम वर्ष 1977-78 में 129 करोड़ की लागत से शुरूवात हुई थी. पिछले 44 साल में परियोजना की लागत में लगभग 112 गुणा वृद्धि हुई है. फिर भी विस्थापितों के मुआवजा और विस्थापन को लेकर आज भी समस्या बनी हुई है । समस्या के समाधान को लेकर स्वर्णरेखा परियोजना के चाण्डिल और आदित्यपूर पुर्नवास कार्यालय में विस्थापितों से अधिक बिचौलिया नजर आते है ।
जिसे लेकर झारखण्ड मानवाधिकार संघ के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश कुमार किनू ने विरोध जताते हुये दलालों के क्रमबद्ध सूची के साथ कार्यालय को कार्रवाही के लिये लिखित शिकायत दी गई थी । जिसके आलोक में अबतक कोई ठोस विभागीय कार्रवाही नहीं हुई ।
विस्थापितों मुआवजा को 61 करोड़,बिचौलिया हावी –
वही राज्य सरकार 2022 से 2024 तक परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है । जिसे लेकर 61 करोड़ राषि का आबंटन किया गया है । जिससे लेकर झारखण्ड मानवाधिकार ने पुर्नवास पदाधिकारी संख्या 2 से सूचना के तहत् 5 बिन्दु पर सूचना मांगी है । वही उन्होंने कहा कि पूर्नवास कार्यालय में विस्थापितों की राषि गलत तरिके से की जा रही है । जिसमें विस्थापितों के उम्र और विकलांगता प्रमाण पत्र जाली बना कर बिचौलिया मुआवजे की राषि गटकने की तैयारी की जा रही है । जिसपर जांच की जानी चाहिये ।