Spread the love

भाई जैता बने बाबा जीवन सिंह-मंजीत सिंह जी.के

जमशेदपुरः सिखों के 9 वें गुरू श्री गुरु तेग बहादुर जी को दिल्ली के चांदनी चौक में औरंगजेब के आदेश पर जब मुगलों ने शहीद किया.तब भाई जैता जी ने गुरू का शीश उठाकर आनंदपुर साहिब ले जाकर उनके बेटे गुरू गोविंद सिंह जी को सौंपा.तब गुरु गोविंद सिंह जी ने पूछा कि वहाँ और भी कोई सिख था तब भाई जैता बोले सिख तो थे लेकिन उनकी कोई पहचान नहीं थी.तब गुरू गोविंद सिंह ने कहा कि अब एक ऐसा पंथ बनाएंगे जो लाखों में नजर आएगा.गुरू ने भाई जैता को गले से लगा कर कहा रंगरेटा गुरू का बेटा.

Advertisements
Advertisements

उक्त कथन दिल्ली से आए दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष और जागो पार्टी के वर्तमान अध्यक्ष मंजीत सिंह जी.के ने एग्रिको में रंगरेटा महासभा और बाबा जीवन सिंह भलाई ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित धार्मिक समागम में कहीं.उन्होने कहा कि गुरू भाई जैते को देख कर ही सिख पंथ की वेश-भूषा की कामना की और आज गुरू ने ऐसा स्वरूप दिया है कि सिख लाखों में पहचाना जाता है.
पंजाब के चंडीगढ़ बाबा जीवन सिंह भलाई ट्रस्ट के चेयरमैन कारसेवा वाले जसवंत सिहं के द्वारा निर्देशित धार्मिक नाटक की आज धार्मिक समागम में काफी सराहना हुई.इस नाटक में झारखंड में पहली बार पंजाब से आए 20 कलाकारों ने बाबा जीवन सिंह और गुरु तेगबहादुर जी की शहीदी पर नाटक प्रस्तुत किया.इस नाटक की चर्चा आज पूरे राज्य में हो रही है.

पंजाब के पटियाला से लाल सिहं फक्कड़ के साथ आई कीर्तनी जत्थे ने गुरू गोविंद सिंह जी के शहीद हुए चार साहिबजादों की शहादत पर जीवनी सुनाकर माहौल को धार्मिक और मार्मिक बना दिया.श्री फक्कड़ ने कीर्तन के माध्यम से बताया कि किस तरह से छोटे साहिबजादों को दीवार पर चुनवा दिया गया लेकिन धर्म नहीं हारा.कीर्तन में सिखों के बलिदान का इतिहास बताया गया.

धार्मिक समागम में मुख्य रूपसे दिल्ली से आए मंजीत सिहं जीके,धर्म प्रचारक परमजीत सिहं राणा,भगवान सिहं,रेल सेवा समिति के झारखंड के सदस्य गुरविंदर सिहं सेठी,सरदार शैलेंद्र सिहं,गुरदीप सिहं पप्पू,हरमिंदर सिहं मिंदी,दलजीत सिहं सहित अन्य को बाबा जी का प्रतीक चिन्ह दिया गया.कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य रुप से जसबीर सिहं पदरी,रजिंदर सिहं चीमा,बलबीर सिहं बीरा,कुलवंत सिहं,साहेब सिहं,जसवंत सिहं,मनोहर सिहं,दिलबाग सिहं,हरभजन सिहं,दलजीत सिहं परवाना,सोनी सिहं,मलकीत सिहं,त्रिलोक सिहं,किरणदीप कौर,चरणजीत कौर,बेबी कौर,सीता कौर सहित आई संगत ने भी अहम भूमिका अदा की. रंगरेटा महासभा और बाबा जीवन सिंह बालाजी ट्रस्ट के झारखंड अध्यक्ष मनजीत सिंह ने कहा कि कार्यक्रम की सफलता में विभिन्न गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटियों और हमारे सदस्यों ने लगातार एक महीना दिन-रात मेहनत की है. उन्होंने कहा कि अगले 2 दिनों के अंदर ही सभी सहयोगियों को एक कार्यक्रम कर सम्मानित करने का काम किया जाएगा.उन्होंने बताया कि 3 दिवसीय इस कार्यक्रम में झारखंड,पंजाब,बंगाल,बिहार और दिल्ली से कुल मिलाकर लगभग 50000 संगत ने गुरू का लंगर छका.

Advertisements