जमशेदपुर (आनंद राव): कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में अचानक अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गई, जब मरीज को लेकर तीन तल्ला से नीचे उतर रहे परिजन लिफ्ट में फंस गए, इसके बाद हो हल्ला होने पर काफी देर बाद उन्हें लिफ्ट से बाहर निकाला गया। गौरतलब है कि एमजीएम अस्पताल में व्यवस्था को लेकर कायापलट हो रही है लेकिन अस्पताल कर्मियों की छोटी-छोटी गलतियों की वजह से आए दिन किसी न किसी मामले को लेकर हंगामा होता आ रहा है। ऐसा ही एक बड़ी घटना होने से बच गई, जब अस्पताल के मेडिकल वार्ड में इलाजरत मरीजों के परिजन लिफ्ट में फस गए जिसमें हार्ट का एक पेशेंट भी मौजूद था, ये सभी या तो अपने इलाजरत मरीजों को देखने गए थे या फिर उनकी छुट्टी हो जाने पर उसे लेकर तीन तल्ला से नीचे उतर रहे थे। लिफ्ट में कुल 7 महिला पुरुष मौजूद थे, अचानक ग्राउंड फ्लोर में आने से पहले लिफ्ट रुक गया काफी कोशिश के बाद भी लिफ्ट जब पूरी तरह से नीचे ना उतरा तो अंदर फंसे मरीज के परिजन सहायता के लिए पुकारने लगे लेकिन अस्पताल के कर्मी और नर्स इनकी किसी तरह सहायता नहीं की। ऐसे में लिफ्ट के अंदर फंसे लोग और बाहर खड़े अन्य लोगों ने हो हंगामा शुरू कर दिया, जिसके काफी देर बाद लिफ्ट टेक्नीशियन को जानकारी मिली और वे आकर आधे में फंसे लिफ्ट से उन्हें बाहर निकाला। इस दौरान बाहर निकालने के लिए भी किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं होने से वे सभी काफी मुश्किल से बाहर निकले और अस्पताल की व्यवस्था पर नाराजगी जताई।उनका आरोप था कि वे लोग जब वहां से गुजर रहे कर्मी और नर्सों को बाहर निकलने में सहायता करने को कहा तो वे लोग संतोषजनक जवाब न देकर वहां से चले गए । परिजनों ने अस्पताल की व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब पूरे अस्पताल का कायाकल्प और बेहतर करने का प्रयास हो रहा है तो फिर लिफ्ट की सही व्यवस्था क्यों नहीं है, अगर किसी प्रकार का मरीज के साथ अनहोनी हो जाता है तो इसके जिम्मेदार कौन होता। वही लिफ्ट टेक्नीशियन का कहना है कि इस लिफ्ट से मरीज ही आना-जाना कर सकते हैं लेकिन इसमें आम लोग भी जाते हैं और जल्दबाजी के कारण लिफ्ट में समस्या आ जाती है। गौर करने वाली बात यह है कि अगर यह लिफ्ट मरीजों के लिए है तो इन को लाने ले जाने के लिए लिफ्टमैन वहां मौजूद क्यों नहीं था।
एमजीएम के लिफ्ट में फंसे मरीज के साथ उसके परिजन