पटना – पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होते ही पुष्पम प्रिया चौधरी की प्लुरल्स पार्टी ने अपना मोर्चा खोल दिया.
प्लुरल्स पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष पुष्पम प्रिया चौधरी ने कहा कि “सक्रिय भागीदारी से राजनीति को नियंत्रित करें वरना राजनीति आपको नियंत्रित करती रहेगी”. उन्होंने अपील किया कि पंचायत चुनाव में हिस्सा लेकर ग्रासरूट स्तर पर सकारात्मक राजनीति की शुरुआत करें.
सोशल मीडिया पर लिखे पोस्ट में पुष्पम प्रिया चौधरी ने लिखा कि “राजनीतिक करियर की शुरुआत कैसे करें और सफ़ल राजनीतिज्ञ कैसे बनें जब राजनीतिक परिवार की पृष्ठभूमि न हो, पैसे न हों और बाहुबल न हो? ये तीन ज़रूरतें जो राजनीति के लिए अनिवार्य नहीं हैं लेकिन आज भारत में दुर्भाग्यवश ज़रूरी हो गई हैं. क्या विरोधाभास है! हालाँकि इस दुर्भाग्यपूर्ण सच्चाई में अच्छी बात यह है कि आपमें इन तीन चीजों की कमी है क्योंकि ये चीजें लोकतांत्रिक क्षरण और पिछड़ेपन को बढ़ावा देती हैं जैसा कि हम बिहार जैसे राज्यों के मामले में देख सकते हैं. एक सफ़ल राजनीतिज्ञ बनने के लिए आपको जरुरत होती है अच्छी नीयत की, एक मज़बूत रणनीति की और एक क्वालिटी पॉलिटिकल प्लैट्फ़ॉर्म की. बहुत सारे लोगों के पास अच्छी नीयत होती है लेकिन वे शुरुआत ही नहीं कर पाते क्योंकि उनके पास बाक़ी दो चीज़ों का अभाव होता है. प्लुरल्स यहाँ आपकी मदद के लिए सामने आ रहा है – आप अच्छी नीयत वाले सुधारकों के लिए बाक़ी दोनों चीज़ों के साथ”.
पंचायत चुनाव को एक अवसर बताते हुए लिखा कि “यहाँ एक अवसर है समाज को कुछ देने का. बिहार में पंचायत चुनाव 2021 के आगामी महीनों में होने वाले हैं. लोगों की सेवा करने के लिए और अपनी राजनीतिक आकांक्षा को पूरा करने के लिए ज़मीनी स्तर (ग्रासरूट) से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत करें. मुखिया बनें, असली पावर के साथ समाज के लिए काम करें और लोगों को बेहतर ज़िंदगी प्राप्त करने में मदद करके ग्रामीण परिवेश को बदलें. भारतीय संविधान के अंतर्गत मुखिया के नेतृत्व में ग्राम पंचायत को लोगों की सेवा के लिए काफ़ी प्रभावी पावर दिए गए हैं.
पंचायत चुनाव में हिस्सेदारी हेतु आवेदन फॉर्म भी दिया है. जिसके माध्यम से उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा जिसे पार्टी अपना समर्थन पंचायती चुनाव में देगी.