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चाकुलिया के सुनसुनिया जंगल में वन सुरक्षा समिति और जोहार भारत फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुआ रक्षाबंधन, साल पेड़ पर राखी बांधकर जंगल संरक्षण करने का लिया संकल्प, कहा पेड़ पौधा जीवन के लिए है अनमोल: दीपांकर चौधरी

चाकुलिया (विश्वकर्मा सिंह) प्रखंड के भातकुंडा पंचायत स्थित भालुकबिंदा गांव के सुनसुनिया जंगल में वन सुरक्षा समिति और जोहार भारत फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में रक्षाबंधन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि आईटीडीए के प्रोजेक्ट डायरेक्टर दीपांकर चौधरी और विशिष्ट अतिथि के रूप ग्रामीण एसपी ऋषभ गर्ग, डीएफओ सबा आलम अंसारी, रेंजर दिग्विजय सिंह, कार्यपालक अभियंता ग्रामीण कार्य विभाग राजेश रजक, टीआरएफ़ लिमिटेड के हेड कौशिक दत्ता शामिल हुए. इस दौरान समारोह में आए हुए अतिथियों को तुलसी पौधा, अंगवस्त्र और शाल के पत्ते से निर्मित टोपी पहनाकर और मोमेंटो देकर सम्मानित किया. इस अवसर पर सभी अतिथि और समिति के सदस्यों ने जंगल में साल पेड़ पर राखी बांधकर जंगल संरक्षण करने का संकल्प लिया. अंत में पद्मश्री जमुना टुडू ने सभी अतिथियों के कलाई पर राखी बांधी.

वहीं डीएफओ सबा आलम अंसारी और रेंजर दिग्विजय सिंह ने वन सुरक्षा समिति की 25 सदस्यों के बीच टॉर्च का वितरण किया. समारोह में पद्मश्री जमुना टुडू ने जंगल संरक्षण कार्य में बेहतर कार्य करने के लिए वन सुरक्षा समिति की अध्यक्ष कांदोनी सोरेन, संगीता मुर्मू, चिंतामुनी टुडू, समीक्षा मुंडा, मौसमी मुंडा, सुरजमुनी सोरेन, लक्ष्मी मांडी, सुमित्रा महतो, अंजू महतो, छिता सोरेन समेत अन्य को अतिथियों के हाथों सम्मानित किया गया.

प्रोजेक्ट डायरेक्टर दीपांकर चौधरी ने कहा की चाकुलिया की वन सुरक्षा समिति से जुड़ी माता और बहनें पद्मश्री जमुना टुडू के नेतृत्व में जंगल संरक्षण करने का बेहतर कार्य कर रही है. जंगल नष्ट होने से इसका जल्द भरपाई करना मुश्किल है. कहा की जंगल पेड़ पौधा जीवन के लिए अनमोल है और जंगल है तो जीवन है. जंगल संरक्षण होगा तो किसानों के खेत भी कभी सुखेगें नहीं. यह आयोजन प्रतिकात्मक आयोजन है. जब तक माताएं बहनें किसी आंदोलन में नहीं आएंगी तब तक कोई भी आंदोलन सफल नहीं होगा. सभी माता और बहनों के आंदोलन का यह परिणाम है की आज जंगल सुरक्षित है. उन्होंने कहा की जंगल संरक्षण कार्य में जिला प्रशासन द्वारा हर संभव सहयोग समिति को दी जाएगी. हर एक गांव में जंगल संरक्षण करने के लिए एक एक जमुना टुडू और सुमित्रा महतो बनना होगा तभी जंगल का संरक्षण होगा.

मौके पर विशिष्ट अतिथि ग्रामीण एसपी ऋषभ गर्ग ने कहा की चाकुलिया में आयोजित रक्षाबंधन कार्यक्रम में आकर उन्हें काफी खुशी का अनुभव हुआ है. उन्होंने उपस्थित लोगों से अपील किया कि इस कार्य में सभी सहयोग करें. जंगल संरक्षण कार्य अपने आप में बेहतर कार्य है सभी माता और बहनें जंगल का संरक्षण कर सामाजिक कार्य कर रही है.

पद्मश्री जमुना टुडू ने कहा कि पेड़ पौधे हमारे जीवन के लिए अहम है. रक्षाबंधन कार्यक्रम आयोजित कर हर वर्ष समिति की बहनें पेड़ों को अपना भाई मानकर रक्षा सूत्र बांधकर पेड़ों को संरक्षण करने का संकल्प लेती है. जंगल संरक्षण कार्य ही उन्हें एक पहचान दी है. सभी मिलकर पेड़ पौधों का संरक्षण करें और अपने बेटा और बेटी के जन्मदिन पर पांच पांच पौधे जरूर लगाएं तभी सही मायने में जंगल का संरक्षण होगा. उन्होंने बताया की वे इस आंदोलन को मुटूरखाम गांव के बेड़ाडीह जैसे छोटे गांव से शुरू की और आज राज्य और अन्य राज्यों में जाकर जंगल संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक कर रही है.

वही कार्यक्रम को ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता राजेश रजक और टीआरएफ के डायरेक्टर कौशिक दत्ता ने संबोधित करते हुए वन क्षेत्र पदाधिकारी से मांग की कि जंगल में हाथियों के लिए समुचित व्यवस्था करें ताकी हाथी भोजन की तलाश में जंगल से निकलकर बाहर गांव की ओर प्रवेश ना करें.

इस अवसर पर कार्यक्रम के अंत में अतिथियों के द्वारा पौधा रोपण कर पर्यावरण को बचाने का संकल्प लिया गया.

इस मौके पर बीडीओ आरती मुंडा, सीओ उपेंद्र कुमार, थाना प्रभारी संतोष कुमार, राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त सेवानिवृत्त शिक्षक रामस्वरूप यादव, शंभूनाथ मल्लिक, मानसिंह टुडू, अपू दास, परिमल दास, काकुली मल्लिक समेत अन्य उपस्थित थे.

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