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गिरफ्तार नक्सली मिथिलेश मेहता ने किया अहम खुलासा,

बूढ़ा पहाड़ पर बचे सिर्फ 18 से 20 माओवादी कैडर…..

रांची :  शुक्रवार को बिहार के गया से  भाकपा माओवादी के सेंट्रल कमेटी सदस्य मिथिलेश मेहता को गिरफ्तार किया गया है. नक्सली मिथिलेश मेहता से पूछताछ से कई अहम खुलासा हुआ है. मिथिलेश मेहता ने बताया है कि बूढ़ापहाड़ पर उसके बाद 25 लाख का इनामी टॉप कमांडर सौरव उर्फ मरकस बाबा, नवीन यादव, मृत्युंजय भुइयां समेत 18 से 20 कैडर ही बचे हैं.

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मिथिलेश मेहता को 2020 के अंतिम महीनों में बूढ़ापहाड़ का टॉप कमांडर बनाया गया था. साल 2021 से ही मिथिलेश मेहता बूढ़ापहाड़ पर रह रहा था. इसी इलाके से माओवादी बिहार झारखंड और उत्तरी छत्तीसगढ़ सीमा पर अपनी गतिविधि का संचालन करते हैं. इस इलाके के अंतर्गत पलामू, गढ़वा, लातेहार, गुमला, सिमडेगा, चतरा, छत्तीसगढ़ का बलरामपुर और बिहार का गया ,औरंगाबाद ,रोहतास, सासाराम का इलाका शामिल है.

माओवादियो के कमांडरों का एक दूसरे पर भरोसा टूट गया है

मिथिलेश मेहता ने पुलिस को बताया कि बूढ़ापहाड़ पर माओवादियो के कमांडरों का एक दूसरे पर भरोसा टूट गया है. यही वजह है कि कई नक्सली कैडर झारखंड, बिहार, उतरी छत्तीसगढ़ के यूनीफाइड कमांड के टॉप कमांडर मिथिलेश मेहता की बातों को अनसुनी कर रहे थे. इसी बात से नाराज मिथिलेश मेहता ने 27 और 28 फरवरी की रात बूढ़ापहाड़ को छोड़ दिया. जिसे बाद में गया में गिरफ्तार कर लिया गया.

“लातेहार और आसपास के जिलों में भी दर्ज हैं केस*

मिथिलेश पर लातेहार और आसपास के जिलों में भी केस दर्ज हैं, लेकिन उसके खिलाफ अभी इनाम की राशि की घोषणा होनी बाकी थी. मिथिलेश वर्तमान में बूढ़ा पहाड़ इलाके में संगठन को मजबूत बनाने के लिए पिछले कई माह से कैंप कर रहा था. उसे बूढ़ा पहाड़ की जिम्मेवारी शीर्ष नक्सली अरविंद जी की मौत के बाद सौंपी गयी थी.

बूढ़ापहाड़ का नया इंचार्ज बना था मिथिलेश

सुधाकरण के तेलंगाना में आत्मसमर्पण के बाद माओवादियों ने मिथिलेश मेहता उर्फ वनबिहारी को ही बूढ़ा पहाड़ का नया इंचार्ज बनाया था. लेकिन टॉप माओवादी कमांडर मिथिलेश मेहता बूढ़ा पहाड़ से फरार हो गया. मिथिलेश मेहता मूल रूप से बिहार के औरंगाबाद के इलाके का रहने वाला है. 2016-17 में झारखंड पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था. 2019-20 में जेल से निकलने के बाद एक बार फिर से वह माओवादियों के लिए सक्रिय हो गया था. जनवरी 2021 में माओवादियों ने उसे बूढ़ा पहाड़ का इंचार्ज बनाया था. उसके बाद से ही वह बूढ़ा पहाड़ के इलाके में रह रहा था. करीब तीन महीने पहले बूढ़ा पहाड़ पर वह गंभीर रूप से बीमार हो गया था. उस दौरान सुरक्षाबलों ने एक ग्रामीण डॉक्टर को भी पकड़ा था, जो मिथिलेश मेहता का इलाज करने जा रहा था. उसके पास से ईसीजी मशीन बरामद हुई थी.

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