जामताड़ा के तत्कालीन सीओ समेत तीन लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को
मुख्यमंत्री ने जांच का दिया आदेश । अवैध जमीन की खरीद-विक्री का सात साल पूराना
मामला पर लिया गया संज्ञान…..
रांची राज्य ब्यूरो,। झारखंड में भूमि का अवैध खरीद-विक्री जोरो से चल रहा है । मूुख्यमंत्री ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुये । जामताड़ा जिले के मिहिजाम थाना क्षेत्र स्थित बुटकेरिया मौजा में अवैध रूप से जमीन की खरीद-बिक्री के मामले में अब जामताड़ा की तत्कालीन अंचलाधिकारी हेमा प्रसाद व अन्य के विरुद्ध भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) धनबाद में प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज करने का निर्देश दिया है । वही बता दें कि एसीबी धनबाद में 30 नवंबर 2017 को दर्ज गोपनीय रिपोर्ट (आइआर) में जांच के दौरान तत्कालीन अंचलाधिकारी की भूमिका सामने आई। इसके बाद एसीबी ने झारखंड सरकार से पीई दर्ज करने के लिए अनुमति मांगी, जिसपर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्वीकृति दे दी है।
मिहिजाम थाने में भी 2016 में हुई थी प्राथमिकी दर्ज :
इस पूरे प्रकरण में 17 जून 2016 का मामला सात साल पुराना है. शिकायतकर्ता ने तत्कालीन सीओ हेमा प्रसाद, तत्कालीन सीआई इस्माईल टुडू और अन्य के खिलाफ पीई दर्ज करने की अनुमति देने का अनुरोध किया था. आवेदन के अनुसार, इस संबंध में जामताड़ा थाना में आईपीसी की धारा 420/406/409/468/471 एवं 120- बी के तहत कांड संख्या- 47/16 दर्ज किया गया था. आवेदन से यह स्पष्ट होता है कि इस कांड में सभी नौ प्राथमिकी अभियुक्तों के विरुद्ध मामला सत्य पाते हुए उन्हें अविलंब गिरफ्तार करने और फरार रहने की स्थिति में कुर्की जब्ती करने का आदेश दिया गया था.
रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि उक्त कांड के सभी नौ प्राथमिकी अभियुक्तों के विरुद्ध मामला सही पाया गया है। झारखंड सरकार ने एसीबी धनबाद को यह निर्देश दिया है कि आरोपितों को अविलंब गिरफ्तार करें। फरार रहने की स्थिति में उनकी चल-अचल संपत्ति की कुर्की-जब्ती की कार्रवाई करें और उचित माध्यम से अभियोजन स्वीकृति प्राप्त करने से लेकर सुपरविजन में लंबित अन्य निर्देशो का भी अनुपालन करें।