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आदिवासी कुड़मी समाज के एक दिवसीय महाजुटान का हुआ आयोजन…

सरायकेला Saraikela । आदिवासी कुड़मी समाज के तत्वाधान एक दिवसीय विशाल जनसभा (महाजुटान) का आयोजन कुकड़ु प्रखंड के जानुम स्कूल परिसर में सीमन्त कुमार महतो की अध्यक्षता में किया गया। जनसभा में झाड़खंड एवं पश्चिम बंगाल आदि क्षेत्रों से सैकड़ों की संख्या में कुड़मी समुदाय के बुद्धिजीवी सह सामाजिक कार्यकर्ता सम्मिलित हुए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केन्द्रीय महासचिव सुनील कुमार गुलिआर ने कहा कि कुड़मी को एसटी सूची में शामिल करने की मांग हमारा संवैधानिक अधिकार है। तथाकथित संगठन कुड़मी को एसटी सूची में शामिल करने का विरोध करते हैं।

जबकि हमें एसटी बनने से कोई रोक नहीं सकता। पटना हाई कोर्ट का तीन जजमेंट हमारा प्रमाण है। एआईआर 1925 पटना 733, एआईआर 1941 पटना 625, एआईआर 1963 पटना 466 कहता है कि छोटानागपुर के कुड़मी (महतो) प्रजातीय रूप से आदिवासी जनजाति हैं। कुड़मी हिंदू विधि से नहीं बल्कि अपने प्रथागत नियमों (कास्टमारी रूल्स) द्वारा शासित होते हैं। कुड़मी गैर आर्य वंश अर्थात् अनार्य है। अब भारत सरकार को ही तय करना है। जिस प्रकार 6 सितंबर 1950 में बिना टीआरआई/सीआरआई के अनुसूचित जनजाति सूची में बाकियों को शामिल किया गया और कुड़मियों को छोड़ दिया गया। इसलिए आज हमारी आन्दोलन निरंतर जारी है।

विशिष्ट अतिथि हरमोहन महतो ने कहा कि अब जब केंद्र में भाजपा की सरकार है। और अर्जुन मुंडा जनजाति मंत्री हैं एवं स्वयं झारखंड के मुख्यमंत्री होते हुए 2004 में भेजे गए अनुशंसा पर क्यों टालमटोल कर रहे हैं? केंद्र सरकार से हमारी मांग है कि 2024 लोकसभा चुनाव के पूर्व कुड़मी जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल करें। अन्यथा झारखंड के 18 जिला, बंगाल के 12 जिला, उड़ीसा के 10 जिला एवं छत्तीसगढ़ के 2 जिला मिलाकर जनजाति प्रदेश “कुड़ुमगढ़ प्रदेश’ का मांग किया जाएगा। जिसका रूपरेखा तैयार किया गया है।

कुड़मी जनजाति का अनुसूचित जनजाति में सूचीबद्ध करने का मांग नया नहीं है, यह मांग बहुत पहले से चलती आ रही है। जिससे दबाने का काम केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा द्वारा किया जा रहा है। उन्हें मालूम होना चाहिए आज लोकसभा एवं राज्यसभा तथा हमारे राज्य के विधानसभा में हमारे मांगों को लेकर प्रखर रुप से आवाज उठ रही है। महाजुटान को प्रदेश अध्यक्ष पद्मलोचन महतो, केन्द्रीय सदस्य जीतेन महतो, जिला प्रभारी प्रभात कुमार महतो, प्रो श्रीकांत महतो, अशोक पुनअरिआर, गुणधाम मुतरुआर ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में सांस्कृतिक झुमुर कलाकार भोलानाथ महतो एवं गोविंद लाल महतो, राजदूत महतो, पंचानन महतो, रीझु महतो गाजीराम महतो, विश्वनाथ हिंदइआर का अहम योगदान रहा।

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