गर्मी ने बढ़ाई बिजली की खपत, अघोषित बिजली कट से बढ़ी परेशानी . . .
दिन भर में आठ से दस बार कट रही बिजली, रात जग कर गुजर रही . . .
- सरायकेला : संजय
सरायकेला-खरसावां जिले का तापमान 42-43 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। आसमान से बरस रही आग न ही घर से बाहर लोगों को निकलने दे रही है और न ही बिजली की अघोषित कट घर में चैन से बैठने दे रही है। एक तो उमस भरी गर्मी व दूसरी बिजली कट ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। सरायकेला जिले में 103 मेगावाट बिजली की आवश्यकता है लेकिन गर्मी के कारण विद्युत उत्पाद ज्यादा चल रहे हैं जिसके कारण बिजली की खपत जिले में बढ़ गई है। ग्रामीणों की माने तो ग्रामीण क्षेत्रों में 24 घंटे में मात्र 14 घंटे ही बिजली रहती है। वहीं शहरी क्षेत्र में 24 घंटे में आठ से दस बार बिजली कट हो रही है। दिन के अलावा रात में भी बिजली कट लगातार हो रही है जिससे लोगों की परेशानी बढ़ने लगी है।
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लोड शेडिंग से बढ़ रही परेशानी
सरायकेला खरसावां जिले में 15 पावर स्टेशन है और एक पावर सब स्टेशन में चार से पांच फीडर काम कर रहा है। फीडर को रोटेट कर चलाया जा रहा है जिसके कारण बिजली कट हो रही है। विभाग की माने तो शहरी क्षेत्र के लिए राजखरसावां ग्रीड व उलीझाड़ी ग्रीड से यहां बिजली आपूर्ति कराई जा रही है। कोलाबीरा व अन्य क्षेत्रें में रात के वक्त लो वोल्टेज के कारण कूलर व पंखे काम करना बंद कर देते है। क्षेत्र में कब बिजली आएगी और कब कटेगी, इसका कोई समय-सारणी ही नहीं है। बावजूद इसके बिजली विभाग द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। यह स्थिति क्षेत्र में लगातार बनी हुई है। गर्मी के मौसम में लोगों को नियमित रूप से बिजली नहीं मिलने से परेशानी और भी बढ़ गई है। ऐसे में अगर जरा सी हवा चली तो बिजली कट कर दी जाती है ।
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जुस्को व सरकारी बिजली में एक मोहल्ले में भारी अंतर
जिले में जिन लोगों के पास इन्वर्टर है उन्हें बिजली आने व जाने का तो पता ही नहीं चलता। लेकिन जिन लोगों के पास इन्वर्टर नहीं है वैसे लोग इस बिजली की समस्या से जूझ रहे हैं। सरायकेला मुख्यालय की बात करें तो यहां जुस्को व सरकारी दोनों ही बिजली के कनेक्शन यहां के लोगों ने ले रखे हैं। वही शहर, वही मोहल्ला, वही गली होने के बावजूद जुस्को की बिजली 24 घंटे आंधी- तूफान में भी उपभोक्ताओं को आपूर्ति कराई जा रही है। लो वोल्टेस की भी समस्या नहीं है। लेकिन सरकारी बिजली की स्थिति यह है कि दिन भर आठ से दस बार बिजली कट ले रही है और जरा सी हवा चलने पर बिजली कट कर दी जाती है।
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कोट
गर्मी में बिजली की खपत ज्यादा बढ़ जाती है। जिले में 103 मेगावाट बिजली की जरुरत है। जो पूरी की जा रही है। हवा चलने तार क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, जिसकी मरम्मत के लिए बिजली कट की जाती है। कई स्थानों से पेड़ की टहनियों को भी काटना पड़ता है
पवन कुमार मिश्रा, कार्यपालक अभियंता विद्युत विभाग सरायकेला