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काशी साहू कॉलेज सरायकेला में चार्वाक दर्शन एवं भौतिकवाद विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का हुआ आयोजन…

सरायकेला Sanjay। सरायकेला स्थित काशी साहू महाविद्यालय में आइक्यूएसी एवं दर्शनशास्त्र विभाग के संयुक्त तत्वाधान महाविद्यालय के प्राचार्य बीएन प्रसाद की अध्यक्षता में चार्वाक दर्शन एवं भौतिकवाद विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुए सिंहभूम कॉलेज चांडिल के दर्शनशास्त्र विभाग के सहायक प्राध्यापक संजय कुमार ने चार्वाक दर्शन एवं भौतिकवाद विषय पर अपने व्याख्यान प्रस्तुत किए। जिसमें उन्होंने बताया कि भारत में कुल नौ दर्शन प्रचलित है। जिसमें 6 आस्तिक और तीन नास्तिक दर्शन है। जो वेद को मानता है वह आस्तिक और जो वेद को नहीं मानता है वह नास्तिक कहलाता है।

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गौतम बुद्ध एवं वर्धमान महावीर के साथ जो नास्तिक विचारधारा के प्रमुख प्रणेता थे वे चार्वाक थे। चार्वाक दर्शन के बारे में हमें और अधिक जागरूकता लाने की जरूरत है जिन्होंने सुखवाद की विचारधारा दी है। कार्यक्रम में महाविद्यालय की छात्राओं द्वारा परंपरागत तरीके से अतिथियों का स्वागत किया गया। स्वागत संबोधन करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ बीएन प्रसाद ने कहा कि इस तरह की कार्यशाला शिक्षकों के ज्ञान वर्धन में काफी मदद करती है। उन्होंने आश्वस्त किया कि विभिन्न विषयों को लेकर इस तरह की कार्यशाला महाविद्यालय में आने वाले समय में आयोजित की जाती रहेगी।

जिसमें शिक्षक एवं छात्रों की भरपूर भागीदारी रहेगी। और विभिन्न विषयों के कुशल जानकारों को आमंत्रित किया जाएगा। जिससे महाविद्यालय में शैक्षणिक वातावरण बेहतर होगा। मंच का संचालन आइक्यूएसी कोऑर्डिनेटर प्रोफेसर लालती तिर्की ने किया। दर्शनशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ विनीता उरांव ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम में काशी साहू महाविद्यालय सरायकेला के सभी शिक्षक और छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।

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