उड़िया भाषा एवं साहित्य के महत्व पर संगोष्ठी का हुआ आयोजन. . .
सरायकेला। महिला महाविद्यालय सरायकेला-खरसावां के उड़िया विभाग के द्वारा उड़िया भाषा एवं साहित्य के महत्व पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ स्पार्कलीन देई ने संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए प्रकृति के ऊपर छोटा धार कविता की विशेषताओं को छात्राओं के बीच प्रस्तुत किए। उड़िया विभाग के प्राध्यापक डॉ बीबी भूईंया के द्वारा उड़िया भाषा के महत्व तथा उसकी प्राचीनता पर जानकारी देते हुए बताया कि एक उड़िया भाषा में भारतीय भाषाओं में शास्त्रीय भाषा के रूप में अपनी जगह मजबूत किया है। गोपबंधु दास, मधुसूदन दास, फकीर मोहन सेनापति, गोदावरी मित्र, गंगाधर मेहर, राधानाथ राय, गौरी शंकर राय जैसे महापुरुषों के त्याग के फल स्वरुप उड़िया भाषा एवं साहित्य एक वरिष्ठ शास्त्रीय भाषा के रूप में प्रतिष्ठित है। हिंदी विभाग की डॉ श्वेता लता, भूगोल विभाग की प्रेमा नूतन गरी, अंग्रेजी विभाग के राजेश कुमार मंडल सहित सभी विभाग की छात्राएं संगोष्ठी में मौजूद रहे।