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1.80 करोड़ की स्कॉलरशिप के साथ अमेरिका के जूनियाटा कॉलेज में पड़ेगा

जिले के एक ट्रक ड्राइवर का बेटा अंजन, 100% स्कॉलरशिप

पाने वाला भारत का एकमात्र छात्र बना अंजन……

सरायकेला। कहा गया है कि “होनहार बिरवान के होत चिकने पात” और ईमानदारी के साथ सच्ची लगन हो तो आसमान भी कदम चुमते हैं। कुछ ऐसा ही वाकया को सच कर दिखाया है सरायकेला खरसावां जिले का गुदड़ी का लाल अंजन कुमार।

एक अति साधारण परिवार से आने वाले अंजन के पिता विशेश्वर यादव पेशे से एक ट्रक चालक है। और माता उर्मिला देवी एक कुशल ग्रहणी है। पूरा परिवार सरायकेला खरसावां जिले के एक छोटे से गांव छोटा गम्हरिया में एक किराए के मकान में रहता है।

अंजन को अमेरिका के अमेरिका यूनिवर्सिटी अंतर्गत जूनियाटा कॉलेज में एडमिशन के लिए 1 करोड़ 80 लाख रुपए की 100% स्कॉलरशिप मिली है। अब अंजन अमेरिका के जूनियाटा कॉलेज से अपने आगे की पढ़ाई कर सकेगा। अमेरिकी यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए अंजन ने नेक्स्ट जीनीयस स्कॉलरशिप प्रोग्राम के तहत आवेदन किया था।

 

जिसमें उसे प्रोग्राम का ऐसा फायदा मिला कि अंजन सत प्रतिशत स्कॉलरशिप पाने वाला देश का इकलौता छात्र बना है। अंजन बताते हैं कि उनका लक्ष्य अमेरिका से ही आगे की पढ़ाई करने की थी। जिसे लेकर उन्होंने अमेरिका के 10 यूनिवर्सिटियों में आवेदन किया था। अंजन ने अमेरिका के स्टीवेस इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, यूनिवर्सिटी ऑफ मियामी, मजूरी यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, यूनिवर्सिटी ऑफ इंडियानापोलिस, लोयोला शिकागो, यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा एवं मैनहैटन कॉलेज न्यूयॉर्क में आवेदन किया था। साथ ही स्कॉलरशिप के लिए अलग से ऑनलाइन आवेदन किया था। जिसके लिए तीन स्तर पर परीक्षाएं हुई। बीते 22 जनवरी को पहले चरण की ऑनलाइन लिखित परीक्षा हुई। दूसरे चरण में पर्सनलाइज्ड इंटरव्यू क्लियर करने के बाद कॉलेज प्रबंधन की ओर से ग्रुप इंटरव्यू किया गया। अलग-अलग तीन राउंड सफलतापूर्वक क्लियर करने के बाद अंजन को ₹1.80 करोड़ रुपए की स्कॉलरशिप मिली।


बताते चलें कि गम्हरिया के स्कूल से दसवीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद अंजन डीबीएमएस कदमा हाई स्कूल से साइंस का छात्र है। विद्या ज्योति स्कूल गम्हरिया से दसवीं की परीक्षा अंजन ने 88% अंक के साथ पास की थी। अब अंजन अमेरिका के जूनियाटा कॉलेज से कंप्यूटर साइंस, बिजनेस स्टडीज एवं डाटा साइंस की पढ़ाई कर सकेगा।

4 साल के इस कोर्स में ट्यूशन फीस शून्य होगी। हालांकि रहने और खाने-पीने के पैसे लगेंगे। अंजन ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता पिता और गुरुजनों को देते हुए कहा है कि वह साइंस एंड टेक्नोलॉजी में अपने देश के लिए काम करना चाहता है। वही अति साधारण जीवन जीने वाले अंजन के माता पिता ने सफलता का पूरा श्रेय भगवान को और अंजन के सच्ची लगन को दिया है।

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