नहीं रहे छऊ के पुरोधा छऊ गुरु पद्मश्री पंडित गोपाल प्रसाद दूबे: बेंगलुरु में निधन; छऊ
कला जगत में शोक की लहर…
सरायकेला: छऊ नृत्य कला के पुरोधा माने जाने वाले 65 वर्षीय सरायकेला के छऊ गुरु पद्मश्री पंडित गोपाल प्रसाद दूबे का सोमवार की दोपहर तकरीबन 12.35 बजे बेंगलुरु के अपोलो अस्पताल में निधन हो गया। पिछले एक माह से वे बीमार चल रहे थे। वे सूगर व अन्य बीमारी से ग्रसित थे। उनका अंतिम संस्कार बेंगलुरु में ही किया जाएगा। पिता के निधन की सूचना उनके बेटे मनुप्रियंस को दे दी गयी है। जो स्विटजरलैंड में साइटिंस्ट के पद पर कार्यरत है। पिता की मौत की खबर मिलने के बाद मंगलवार को स्विटजरलैंड से सरायकेला के लिए वे निकलेंगे। सरायकेला में स्वर्गीय पंडित गोपाल प्रसाद दूबे के पैतृक आवास है। पंडित गोपाल प्रसाद दूबे की मौत के समय उनकी पत्नी उनके साथ नहीं थी। पत्नी सरायकेला में है। पंडित गोपाल प्रसाद दूबे छह भाई है जो सरायकेला में ही रहते हैं। उक्त जानकारी मृतक के भाई सुनील कुमार दूबे ने दी। उन्होंने बताया कि सोमवार को ही उनका अंतिम संस्कार बेंगलुरु के रिश्तेदारों द्वारा कर दिया जाएगा। उसके बाद अन्य रश्म अदायगी सरायकेला में पूरी की जाएगी।
25 जून 1957 को सरायकेला में जन्मे छऊ गुरु पद्मश्री पंडित गोपाल प्रसाद दूबे के निधन की खबर सुनकर कला नगरी सरायकेला में शोक की लहर दौड़ गई है। स्व. गोपाल प्रसाद दुबे एक अच्छे कलाकार एवं कला विशेषज्ञ माने जाते थे। सरायकेला छऊ के संरक्षण एवं विकास में प्रयासरत रहने के कारण वर्ष 2012 में वे पद्मश्री सम्मान से नवाजे गए थे। वर्ष 2016 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। इसके अलावा विभिन्न मंचों से उन्हें देश सहित विदेशों में भी पुरस्कार से नवाजा गया था। त्रिनेत्र छऊ डांस सेंटर के डायरेक्टर रहे पंडित गोपाल प्रसाद दुबे अपने कला केंद्र में कलाकारों को प्रशिक्षण दिया करते थे। सरायकेला में दो से तीन माह में एक बार परिवार से मिलने आते थे।
छऊ गुरु पद्मश्री पंडित गोपाल प्रसाद दुबे के निधन की खबर पाकर झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने भी शोक प्रकट किया है। उन्होंने ट्वीट के माध्यम से कहा है कि पद्मश्री गुरु पंडित गोपाल प्रसाद दुबे जी के निधन का दुखद समाचार प्राप्त हुआ है। छऊ नृत्य कला के प्रति उनका समर्पण सदैव याद किया जाएगा।