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कालाजार जैसी घातक बीमारी के प्रति स्कूली बच्चों को किया

जाएगा जागरूक

सरायकेला: झारखंड स्वस्थ मिशन के तहत स्कूली बच्चों को विद्यालय के व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से कालाजार एवं फाइलेरिया के प्रति जागरूक किया जाएगा. झारखंड स्वास्थ्य मिशन समिति द्वारा कालाजार एवं फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत स्कूली बच्चों को इसके प्रति जागरूक करते हुए इससे बचाव की जानकारी दिया जाना है। जिसके लिए बच्चों को जागरूकता के लिए लिंक के माध्यम से संक्षिप्त आलेख, प्ले कार्ड, क्विज, ब्रोशर, पोस्टर, वीडियो, ऑडियो, एनिमेटेड पिक्चर तथा संकल्प कार्ड उपलब्ध कराया जाएगा.

कालाजार क्या है ?

कालाजार बालू मक्खी से फैलने वाली बीमारी है जो अधिकांशतः झारखंड के चार जिले दुमका,गोड्डा, पाकुड़ तथा साहेबगंज में पायी जाती है.यह बीमारी सामान्यतः गंदे एवं नमी वाले इलाके तथा कच्चे घरों में रहने वाले लोगों में पाया जाता है.इस रोग से प्रभावित मरीज के हाथ,पैर,पेट,तथा चेहरे सहित पूरे शरीर का रंग गहरा भूरा या काला हो जाता है.इसमें रोगी के अंदर ठंड के साथ बुखार भी होता है,इसलिए इसे कालाजार कहा जाता है.

कालाजार रोग के लक्षण :
इस बीमारी के मुख्य लक्षण 15 दिन से लगने वाला बुखार जो की मलेरिया की जांच के बाद बचाव के लिए दावा खाने पर भी कम नहीं होता, यह बुखार हल्का अथवा तेज भी हो सकता है,इसमें बुखार रुक रुक कर या तेजी से आ जाता है,रोगी को भूख प्यास कम लगती है तथा उसका वजन भी लगातार घटता जाता है, इस रोग से पीड़ित मरीज का लिवर और प्लीहा दोनो बढ़ जाता है जिसके कारण रोगी की पेट बाहर निकल जाती है,रोगी की त्वचा सूख जाती है एवं रोगी गहरी भूरी मिट्टी के रंग जैसा काला हो जाता है.

कालाजार से पीड़ित रोगी का ईलाज   :
इस बीमारी का उपचार एक दिन में हो जाता है इसके लिए रोगी का रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट द्वारा खून की जांच के बाद चिकित्सक द्वारा “एम्बीजोम इंजेक्शन” देकर एक दिन में ही उपचार किया जाता है.

कालाजार से बचाव के उपाय  :
कालाजार से बचाव के लिए अपने घर के आस पास साफ सफाई का पूरा ध्यान रखना चाहिए तथा वर्ष में दो बार अपने घर के भीतर तथा अपने गौशाला में कीटनाशक का छिड़काव करवाना चाहिए. कालाजार के उपचार के लिए स्वास्थ्य केंद्रों पर दवा तथा इंजेक्शन मुफ्त दिया जाता है साथ ही इलाज के पूरा हो जाने पर रोगी को सरकार की तरफ से श्रम क्षतिपूर्ति भत्ता के रूप में 6600 रूपये तथा रोगी के साथ आए सहचर को 500 रूपये दिए जाते हैं।

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