उपायुक्त ने दो पोषण जागरूकता रथ
को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना….
यह जागरूकता वाहन आगामी तीन दिन तक दोनों अनुमंडल के सुदूर एवं ग्रामीण क्षेत्रो मे भ्रमण कर लोगों को सही पोषण एवं पौष्टिक आहार के प्रति करेगा जागरूक : उपायुक्त।
सरायकेला Sanjay – उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी अरवा राजकमल, उप विकास आयुक्त प्रवीण कुमार गागराई, परियोजना निदेशक ITDA संदीप कुमार दौराइबुरु, अपर उपायुक्त सुबोध कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी सरायकेला राम कृष्ण कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी जितेंद्र कुमार सिन्हा, विधायक प्रतिनिधि सरायकेला सनंद आचार्य एवं जिला समाज कल्याण पदाधिकारी शिप्रा सिन्हा ने सयुंक्त रूप से पोषण अभियान 2022 के सफल क्रियान्वयन एवं जागरूकता के उदेश्य से जिला समाहरणालय परिसर से दो जागरूकता वाहन को संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। इस दौरान सेल्फी पॉइंट्स पर उपायुक्त एवं उप विकास आयुक्त समेत तमाम पदाधिकारीगण ने PHOTOS खिंचवाया। इसके अतिरिक्त हस्ताक्षर अभियान एवं शपथ ग्रहण कार्यक्रम आयोजित किया गया। जहां उपायुक्त ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी पदाधिकारी कर्मी एवं आम जनमानस को पोषण अभियान 2022 मे अपने सहभागिता सुनिश्चित करने एवं सही पोषण, पौष्टिक आहार के प्रति लोगो को जागरूक करने के लिए शपथ दिलाया।
पोषण रथ के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का किया जाएगा प्रयास….
उपायुक्त ने कहा कि रवाना किए गए दो जागरूकता वाहन के माध्यम से आगामी तीन दिन तक सुदूर एवं ग्रामीण क्षेत्र, टोला मोहल्ला मे रथ के माध्यम से टीकाकरण, खान पान, पौष्टिक आहार, उचित पोषण, स्वच्छता एवं साफ सफाई, डायरिया एवं अनीमिया के रोकथाम पर विशेष जानकारी दी जाएगी। साथ ही गर्भवती महिलाएं, धात्री माताओं तथा नवजात शिशु, किशोरियों एवं बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य बनाये रखने की जानकारियों से अवगत कराएंगे। उपायुक्त ने कहा कि आज के समय में कुपोषण हमारे समाज के लिए एक गंभीर समस्या है।
इससे मुक्त होने के लिए हम सभी नागरिकों का जागरूक होना अति आवश्यक है। जिसकी शुरुआत हमें अपने घर अपने गांव से करनी चाहिए इसकी रोकथाम हेतु विशेषकर बाल विवाह पर प्रतिबंध होना चाहिए एवं वैसे कुपोषित बच्चे जो दिखने में कुपोषित हैं उन्हें एमटीसी में भर्ती करवा कर उन्हें स्वस्थ करके घर भेजना हम सबकी जिम्मेदारी है। इस दौरान उन्होंने प्रसन्नता जाहिर करते हुए बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष हमारे जिले में अति कुपोषित बच्चों की संख्या में काफी कमी आई है
जो पिछले वर्ष 471 थी वह अब 278 हो गयी है। और हम उम्मीद करते हैं कि भविष्य में यह शून्य में हो और ना केवल इस पोषण माह अपितु हमें साल भर या प्रयास करना चाहिए कि जिले में कोई भी बच्चे कुपोषित ना हो एवं कोई भी माता एनीमिया ग्रसित ना हो। हम सभी को चाहिये कि अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहते हुए दूसरों को भी ऐसा करने हेतु प्रेरित करें। इसके लिए सही आहार, सही आदतें एवं अपने आस-पास स्वच्छता को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आज भी लोगों के बीच जागरूकता का अभाव है।
महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान किन-किन चीजों का सेवन करना आवश्यक है, इसकी जानकारी उन्हें उपलब्ध कराई जानी चाहिये, ताकि वे पौष्टिक आहार का सेवन कर स्वयं एवं अपने बच्चे को स्वास्थ्य रख सकें। उन्होंने आगे कहा कि सभी सेविका-सहायिका एवं पोषण सखी अपने कर्तव्य को समझते हुए जिले को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए कार्य करें। सभी के सामूहिक प्रयास से हीं लोगों को जागरूक कर कुपोषण मुक्त समाज का निर्माण किया जा सकता है। ऐसे में आवश्यक है कि हम सभी इस कार्य को करने का संकल्प लें और पूरे तत्परता के साथ मिलजुल कर कार्य करें।
की गई अपील :-
उपायुक्त ने जिले वासियों से अपील करते हुए कहा कि जिले को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए हमें कुछ बिन्दुओ पर विशेष ध्यान देना होगा। जैसे बाल विवाह को रोकना। उपायुक्त ने बताया कि कम उम्र मे विवाह होने के कारण बच्चे कुपोषित जन्म होने की संभावना होती है. एवं वैसे बचे जो कुपोषित है एवं आँगनबाड़ी क्षेत्र से दूर है उन्हें भी आंगनबाड़ी से जोड़े और यदि वह अतिकुपोषित है तो उन्हें MTC मे भर्ती कराये जहा बच्चो को निःशुल्क इलाज एवं सही भोजन की व्यवस्था की गयी है, और इसे सफल बनाने हेतु सभी पदाधिकारी मिल कर कार्य करें। कार्यक्रम में सेविका, सहिया एवं संबंधित विभाग के अधिकारी व कर्मी आदि उपस्थित रहे।
