एकता विकास मंच की याचिका पर हुई सुनवाई सरकार ने मांगा
एक और मौका 8 फरवरी को अगला सुनवाई…..
(राज्य सरकार पर कड़ी नाराजगी जताई है। खंडपीठ ने कहा की क्यों नहीं सारी नियुक्तियों पर रोक लगा दी जाए, खंडपीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह असंवैधानिक नियमावली प्रतीत हो रही है कि सामान्य वर्गों के छात्रों को सरकार नियुक्ति और बाहर जाकर पढ़ाई करने पर रोक लगाने ना चाह रही है)
डेस्क ब्यूरो (सुदेश कुमार) एकता विकास मंच द्वारा झारखंड राज कर्मचारी चयन आयोग एवं सरकार द्वारा भाषा एवं नियुक्ति से संबंधित संशोधित जेपीएससी नियमावली नियुक्ति के विरुद्ध याचिका दायर किया गया है.
वही सुनवाई के दौरान झारखंड के चीफ जस्टिस और जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ ने जवाब नहीं देने पर राज्य सरकार पर कड़ी नाराजगी जताई है। खंडपीठ ने कहा की क्यों नहीं सारी नियुक्तियों पर रोक लगा दी जाए, खंडपीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह असंवैधानिक नियमावली प्रतीत हो रही है कि सामान्य वर्गों के छात्रों को सरकार नियुक्ति और बाहर जाकर पढ़ाई करने पर रोक लगाने ना चाह रही है।
अगली सुनवाई 8 फरवरी को निर्धारित की गई है। इस मामले की जानकारी एकता विकास मंच के केंद्रीय अध्यक्ष ए के मिश्र के दी । उन्होनें बताया की झारखंड सरकार को सामान्य वर्गों के छात्रों को देखते हुयें नियमावली पर विचार करनी चाहिए ।
इस मामले को लेकर एकता विकास मंच ने विरोध करते हुये न्यायालय में सरकार के विरूद्ध पीआईएएल दर्ज कराया है। जिसकी अगली सुनवाई 8 फरवरी को होनी है।
