कोल्हान प्रमंडल के एक जिले के तीन थानेदार पांच 5 वर्षों से 5 किलोमीटर के दायरे में पड़ोसी थानेदार बने रहने को लेकर है, चर्चाओं में …
आदित्यपुर (ए के मिश्र ) चौकीय नहीं जनाब यह झारखंड है। जहां पैसा बोलता है। सब कुछ जायज है ।यहा फिक्स अनफिक्स हो जाते है, और अनफिक्सड फिक्स्ड हो जाता है। पैसे पहुंच पैरवी के बल पर सब कुछ जायज है ।जहां झारखंड में पैसा बोलता है कि सब कुछ जायज है। सीनियर जूनियर बन जाते हैं और जूनियर सीनियर बन जाते हैं। झारखंड राज्य के कोल्हान प्रमंडल की एक ऐसा भी जिला है। जहां लगभग 5 वर्षों से 5 किलोमीटर के दायरे में ही पदाधिकारी डिप्टी बजाते रहते हैं, और एक दूसरे के पड़ोसी बने रहते हैं ।
जो राज्य की राजधानी की राजनीतिक एवं प्रशासनिक गलियारों में चर्चा के विषय बने हुए हैं। पुलिस मुख्यालय सहित पुलिस विभाग मे इन पदाधिकारियों की खूब चर्चाएं हो रही । इनकी पहुंच पैरवी की बातें भी खूब हो रही हैं, कि ऐसे थानेदार हैं जो 5 वर्षों से 5 किलोमीटर के दायरे में ही रहकर अपनी ड्यूटी बजाते हैं और एक दूसरे के पड़ोसी बने हुए रहते हैं। नए डीजीपी अजय कुमार सिंह भी इन पड़ोसियों पर मेहरबान रहेंगे या यू ही चर्चाएं चलती रहेंगी। यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। संवाददाता ने पुलिस महानिदेशक यानी डीजीपी यानी राज्य के पुलिस विभाग की मुखिया अजय कुमार सिंह से संपर्क करने का प्रयास किया।
परंतु समाचार लिखे जाने तक संपर्क नहीं हो पाया। बदलते वक्त के अनुसार सब कुछ बदलते रहता है ।यह तो आने वाला अब वक्त ही बताएगा की समय किस तरह करवट बदलता है और कौन सा रंग बदलता है ।