Spread the love

नगर पंचायत उपाध्यक्ष सह भाजपा नेता मनोज कुमार चौधरी ने समस्त जिला वासियों को……

21वें जिला स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दी…..

सरायकेला। सरायकेला-खरसावां जिला के स्थापना दिवस के अवसर पर भाजपा नेता सह सरायकेला नगर पंचायत उपाध्यक्ष मनोज कुमार चौधरी ने कहा कि सरायकेला-खरसावां जिले की स्थापना 30 अप्रैल 2001 में तत्कालीन मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने किया था। जिन सपनों को संजोए सरायकेला-खरसावां जिले की स्थापना हुई थी।

उन सपनों मैं अधिकतर सपने आज तक सपने ही बनकर रह गए हैं –

सरायकेला-खरसावां जिले को अलग अस्तित्व में आए दो दशक बीतने के बावजूद जिले का अपेक्षित विकास नहीं हुआ। यह एक विडंबना ही है कि इस जिले का तीन सांसद व तीन विधायक प्रतिनिधित्व करते हैं। इसके बावजूद अनेक असुविधाएं अब भी जिलावासियों को मुंह चिढ़ा रही है। कहने को तो सरायकेला को राज्य की कला संस्कृति की राजधानी घोषित किया गया है लेकिन विश्व प्रसिद्ध छऊ नृत्य एवं नृत्य से जुड़े कलाकारों के उत्थान एवं विकास की आज तक कोई कार्ययोजना नहीं बनी। परिवहन हेतु माकूल व्यवस्था नहीं होने के कारण शाम होते ही जिला मुख्यालय सहित सभी प्रखंड टापू में तब्दील हो जाते हैं। जिला स्तरीय सदर अस्पताल का भवन बना, लेकिन अभी तक संसाधन व मैन पावर अनुमंडलीय स्तर का है। जिले में महिलाओं को उच्च शिक्षा के लिए महिला कॉलेज का निर्माण अधर में लटका हुआ है, जिले के दर्जनों ऐतिहासिक स्थलों को घोषणा के बाद भी पर्यटन स्थल की तर्ज पर विकसित नहीं किया गया। क्षेत्र के प्रतिभावान विद्यार्थियों/खिलाड़ियों के उत्थान हेतु कोई इंतजाम नहीं है।

कई मामलों में जिले में विकास की गति कछुए की चाल से हो रही है। किसानों के लिए लंबित सुरू व स्वर्णरेखा परियोजनाओं को प्रारंभ करने की सरकारी पहल, नियोजनालय के माध्यम से बेरोजगारों को नियोजित करने की पहल, कला व खेल के विकास सहित कलाकारों व खिलाडि़यों को संरक्षित करने का सरकारी प्रयास, तसर परियोजना के माध्यम से वन क्षेत्र के तसर कीट पालकों को रोजगार से जोड़ने तथा उम्दा किस्म के तसर वस्त्र तैयार करने में सरकारी सहायता जैसे कई उत्साहजनक पहल का भी विशेष लाभ नजर नहीं आ रहा है। पिछले दिनों प्रधानमंत्री की मन की बात में हमारे जिले की ऑर्गेनिक हल्दी का उल्लेख किया गया था। सरायकेला-खरसावां जिले में के हर क्षेत्र में विकास की असीम संभावनाएं हैं। बस केवल इमानदारी पूर्वक काम करने का इरादा होना चाहिए।

Advertisements

You missed