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लचर विद्युत आपूर्ति व्यवस्था से त्रस्त सरायकेला की पब्लिक ने

किया बिजली ऑफिस का घेराव…..

वार्ता के बाद मामला हुआ शांत……

सरायकेला। बीते 1 महीने से सरायकेला सहित आसपास के क्षेत्र में जारी विद्युत आपूर्ति की बेहद ही लचर व्यवस्था को लेकर सरायकेला की आम पब्लिक ने सोमवार को दुर्गा मैदान में आम सभा की। सरायकेला नगर पंचायत उपाध्यक्ष मनोज कुमार चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित उक्त बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि बिजली ऑफिस का घेराव कर बेहद लचर विद्युत आपूर्ति व्यवस्था पर और उसके सुधार की स्थिति पर जवाब मांगा जाएगा।

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जिसके बाद सभी बिजली ऑफिस पहुंचकर कार्यालय का घेराव किया। मौके पर सहायक विद्युत अभियंता से वार्ता करने जिद करते हुए सरायकेला पब्लिक ने बिजली विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। तकरीबन आधे घंटे बाद सहायक विद्युत अभियंता श्याम कुमार पासवान पब्लिक से वार्ता करने पहुंचे। जिसके बाद आक्रोशित पब्लिक ने उनसे लचर विद्युत आपूर्ति व्यवस्था पर जवाब तलब किया। नगर पंचायत उपाध्यक्ष मनोज कुमार चौधरी की अगुवाई में वार्ता करते हुए उलीझारी के नए लाइन से आज के आज कनेक्ट कर विद्युत आपूर्ति करने पर सहमति बनी।

इसके साथ ही सरायकेला नगर क्षेत्र के विद्युत लाइन को छू रहे पेड़ों की डालियों को 15 दिनों के अंदर काटकर लाइन क्लियर करने पर सहमति बनी। उलीझारी ग्रिड से नए लाइन के माध्यम से विद्युत सप्लाई कनेक्ट करवाने को लेकर सहायक विद्युत अभियंता सहित घेराव करने पहुंची सभी पब्लिक उलीझारी पहुंचे। जहां देर शाम तक नई लाइन से कनेक्ट करने की कवायद जारी रही। मौके पर समाजसेवी सुदीप पटनायक, राजा सिंहदेव, दिलीप शंकर आचार्य, ललित चौधरी, दुखु राम साहू सहित दर्जनों की संख्या में सरायकेला की पब्लिक मौजूद रहे।

30 घंटों में 3 घंटे बिजली :-

बीते 30 घंटों में सरायकेला क्षेत्र में मात्र 3 घंटे विद्युत आपूर्ति की गई। जिसमें रविवार के अपराहन 3:00 बजे से गुल की गई बिजली सोमवार की सुबह 8:00 बजे आई। इसके बाद पूरे दिन बिजली के आने-जाने का क्रम बदस्तूर जारी रहा। इससे आम जनजीवन पूरी तरह से हलकान रहा। जिसमें विशेष रुप से घरों में बीमार व्यक्ति की परेशानी बताई जाती रही। इसके साथ ही बिजली नहीं रहने के कारण पेयजल आपूर्ति व्यवस्था भी बाधित रहने से लोग पीने के पानी के लिए परेशान होते रहे। वही बिजली से संबंधित अनेक व्यवसाय लगभग ठप रहे। बच्चों की पढ़ाई सहित आवश्यक काम बाधित होते रहे।

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