हो भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर आदिवासी हो समाज महासभा ने प्रधानमंत्री के नाम उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन…
सरायकेला – संजय मिश्रा । आदिवासी हो समाज महासभा के जिला अध्यक्ष गणेश गागाराई ने हो भाषा को भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने का निवेदन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम उपायुक्त को ज्ञापन सौपा। आदिवासी हो समाज युवा महासभा के जिला अध्यक्ष विष्णु बानरा, मानकी मुंडा संघ के जिला अध्यक्ष कोल झारखंड बोदरा एवं मुंडा राजकिशोर लोहरा के साथ सौंपे गए ज्ञापन में उन्होंने बताया है कि भारत के विभिन्न क्षेत्रों में विशेष कर झारखंड, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, बिहार, असम, अंडमान निकोबार एवं पश्चिम बंगाल राज्यों में 50 लाख से अधिक लोगों द्वारा हो भाषा बोली जाती है।
यह भाषा केवल संवाद का माध्यम नहीं है बल्कि संथाल, मुंडारी, भूमिज, लोहरा, महाली और असुर जैसी कई आदिवासी समुदायों की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। बावजूद इसके हो भाषा को शिक्षा, प्रशासन और सार्वजनिक जीवन के आधिकारिक क्षेत्र में मान्यता नहीं मिली है। उन्होंने हो भाषा को भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के कुल चार कारण गिनाते हुए निवेदन किया है कि वह भाषा को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 29 के तहत संरक्षित किया जाए। साथ ही आठवीं अनुसूची मैं शामिल किया जाए।